इसे फौरन लागू किया जाए; SP-NCP की OBC महिलाओं को आरक्षण देने की मांग:सोनिया गांधी बो
THE NARAD NEWS24………………………………….संसद के विशेष सत्र का आज बुधवार को तीसरा दिन है। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पर डिबेट जारी है। सबसे पहले कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने सदन को बिल के बारे में बताया। उनके बाद कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी ने 10 मिनट तक अपनी बात कही।
सोनिया ने कहा, ‘कांग्रेस की मांग है कि बिल को फौरन अमल में लाया जाए। सरकार को इसे परिसीमन तक नहीं रोकना चाहिए। इससे पहले जातिगत जनगणना कराकर इस बिल में SC-ST और OBC महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए।’
NCP सांसद सुप्रिया सुले और SP सांसद डिंपल यादव ने भी बिल में OBC महिलाओं को आरक्षण देने की मांग की। सुप्रिया ने कहा कि सरकार बड़ा दिल करके बिल में SC, ST और OBC महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था करे। वहीं, SP सांसद डिंपल यादव ने कहा कि बिल में OBC और अल्पसंख्यक महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाना चाहिए।
सोनिया बोलीं- महिला आरक्षण का बिल सबसे पहले राजीव लाए
सोनिया ने कहा, ‘स्थानीय निकायों में महिलाओं को आरक्षण देने वाला कानून सबसे पहले मेरे पति राजीव गांधी लाए थे, जो राज्यसभा में 7 वोटों से गिर गया था। बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने उसे पास करवाया। इसी का नतीजा है कि देशभर के स्थानीय निकायों में 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। राजीव का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, यह बिल पास होने से सपना पूरा हो जाएगा।
इस पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि ये सिर्फ PM मोदी का बिल है, जिसका गोल उसी का नाम आना चाहिए। हमारे प्रधानमंत्री और हमारी पार्टी ये बिल लेकर आई है तो इनके पेट में दर्द हो रहा है।
DMK सांसद कनिमोझी बोलने खड़ी हुईं तो हंगामा हुआ, जेडीयू ने समर्थन किया
- DMK की ओर से एमके कनिमोझी बोलने खड़ी हुईं। सत्ताधारी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू की तो एनसीपी की सुप्रिया सुले ने विरोध किया। दोनों महिला सांसदों ने स्पीकर से कहा कि बीजेपी के लोग महिलाओं की यही इज्जत करते हैं। फिर सदन में शांति छा गई।
- BJP सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि यहां इतने पुरुष मौजूद हैं, उनकी वजह महिला है। अगर महिला नहीं होतीं, तो पुरुषों का अस्तित्व ही नहीं होता। मुझे लग रहा था कि सोनिया गांधी राजनीति से उठकर बोलेंगी। महिला आरक्षण के लिए गीता मुखर्जी और सुषमा स्वराज ने सबसे ज्यादा आवाज उठाई। सोनिया ने उनका नाम नहीं लिया। सोनिया इस बिल का क्रेडिट लेना चाहती हैं।
- TMC सांसद काकोली घोष ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल देश का एकमात्र राज्य है, जहां महिला सीएम है, जबकि बीजेपी की 16 राज्यों में सरकार है, इसके बावजूद एक भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है। देश के लिए मेडल जीतने वाली महिलाओं का सेक्सुअल हैरेसमेंट किया गया। उनके आरोपी बृजभूषण सिंह आज संसद में बैठे हैं। भाजपा उनके खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं लेती।’
- JDU के सांसद ललन सिंह ने कहा कि ये 2024 का चुनावी जुमला है। I.N.D.I.A गठबंधन से सरकार घबरा गई और ये बिल लेकर आई। इनकी मंशा सही होती तो 2021 में जनगणना शुरू करवा दी होती। इससे अब तक जनगणना पूरी हो जाती और महिला आरक्षण 2024 से पहले लागू हो जाता।
YSRCP की सांसद गीता विश्वनाथ गंगा ने भारत माता की जय का नारा लगाया
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान YSR कांग्रेस पार्टी की ओर से आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा से सांसद गीता विश्वनाथ गंगा बोलने खड़ी हुईं। उन्होंने ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाया और पारंपरिक ढंग से सभी को नमस्कार किया। इसके बाद उन्होंने ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता’ मंत्र भी पढ़ा।
विशेष सत्र के तीसरे दिन के बड़े अपडेट्स…
- RJD, JDU, SP और BSP समेत कई विपक्षी पार्टियों ने ओबीसी महिलाओं के लिए सीट आरक्षित करने की मांग की है।
- भाजपा नेता उमा भारती और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी OBC महिलाओं के लिए भी कोटा तय करने की मांग की है।
- AAP सांसद संजय सिंह ने इस बिल को ‘महिला बेवकूफ बनाओ’ बिल बताया है। उन्होंने कहा कि इसे 2024 से पहले लागू करना चाहिए।
- कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी और पी चिदंबरम ने इस बिल को केंद्र सरकार का जुमला बताया है।
नई संसद में कामकाज के पहले दिन पेश हुआ था बिल
नई संसद में कामकाज के पहले दिन यानी 19 सितंबर को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पेश किया गया। इस बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा।
लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है।
परिसीमन के बाद ही लागू होगा बिल
नए विधेयक में सबसे बड़ा पेंच यह है कि यह डीलिमिटेशन यानी परिसीमन के बाद ही लागू होगा। परिसीमन इस विधेयक के पास होने के बाद होने वाली जनगणना के आधार पर होगा। 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले जनगणना और परिसीमन करीब-करीब असंभव है।
इस फॉर्मूले के मुताबिक विधानसभा और लोकसभा चुनाव समय पर हुए तो इस बार महिला आरक्षण लागू नहीं होगा। यह 2029 के लोकसभा चुनाव या इससे पहले के कुछ विधानसभा चुनावों से लागू हो सकता है।
बिल पास होने से लोकसभा में 181 महिला सांसद होंगी
कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया कि अभी लोकसभा में 82 महिला सांसद हैं, इस बिल के पास होने के बाद 181 महिला सांसद हो जाएंगी। यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा। यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा।