रक्षाबंधन पर अटूट रहा खारुन गंगा महाआरती का बंधन,22वीं बार श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर खारुन गंगा महाआरती की गई।
The bond of Kharun Ganga Maha Aarti remained unbroken on Rakshabandhan
The Narad News 24,,,,, रायपुर 19 अगस्त 2024, सोमवार को रायपुर के महादेव घाट में करणी सेना प्रमुख छ.ग. एवं खारुन गंगा महाआरती समिति के संस्थापक वीरेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व में निरंतर क्रम में 22वीं बार श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर खारुन गंगा महाआरती की गई।
निरंतर 02 वर्षों से एक परंपरा की तरह अटूट रूप से प्रतिमाह पूर्णिमा की संध्या को होने वाली खारुन गंगा आरती का यह बंधन रक्षाबंधन के पावन अवसर पर भी अटूट रहा। जहाँ एक ओर शहर भर में राखी बँधवाने हेतु भाई-बहनों के मेल-जोल का सिलसिला लगातार चलता रहा वहीं शाम 05 बजे से रायपुर के सांस्कृतिक केंद्र महादेव घाट ने भी पुनः अपना दिव्य स्वरूप ग्रहण किया और खारुन गंगा महाआरती से अपनी दिव्य छटा पुनः चहुँ ओर प्रसारित कर दी।
प्रशिक्षित ब्राह्मणों द्वारा पूरे विधि विधान से मंत्रोचारण के साथ आरती का आगाज़ हुआ। कार्यक्रम के दौरान रायपुर के सुप्रसिद्ध भजन सम्राट लल्लू महाराज के भजनों ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। इस महीने की आरती में प्रमुख यजमान की भूमिका में प्रसिद्ध समाजसेवी श्री बजरंग अग्रवाल जी की उपस्थिति रही। श्रावण मास के अंतिम सोमवार के अवसर पर बाबा हटकेश्वर महादेव के भक्तों का घाट पर ताँता लगा रहा एवं बृहद संख्या में श्रद्धालुओं ने खारुन गंगा महाआरती में भाग लिया एवं आरती के पश्चात् खीर प्रसादी ग्रहण करके श्रद्धा भाव के साथ प्रस्थान किया।
खारुन गंगा आरती समिति के प्रमुख वीरेन्द्र सिंह तोमर बताते हैं कि उन्होंने 2 वर्ष पूर्व सनातन धर्म के प्रसार, सामाजिक एकता एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए एक छोटे से विचार के साथ इस महाआरती का आगाज़ किया जिसने जनभागीदारी से देखते ही देखते इतना विशाल रूप ले लिया कि अपने नाम 4-4 विश्व कीर्तिमान दर्ज कर लिए और साथ ही पूरे छत्तीसगढ़ की कीर्ति विश्व भर में प्रसारित करने का सुदृढ़ माध्यम बन गई है। छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक पर्यटन के रूप में भी अब यह महाआरती जानी जाने लगी है जिसे श्री तोमर अपनी सबसे बड़ी सफ़लता बताते हैं।