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पत्नी की बेवफाई से तंग आकर अकाउंटेंट ने जहर खाया,गंभीर:इंदौर की घटना; दो पन्ने के नोट में लिखा- पत्नी और मेरे बचपन के दोस्त ने जिंदगी बर्बाद की

THE NARAD NEWS24………………………..इंदौर के बड़ा गणपति इलाके के निवासी अकाउंटेंट ने गुरुवार देर रात जहर खाकर जान देने की कोशिश की। तबीयत बिगड़ने पर मां उसे निजी अस्पताल लाई और भर्ती कराया है। हालत गंभीर बनी हुई है। उसकी जेब से सुसाइड नोट भी मिला है जिसे पुलिस ने जब्त किया है। डेढ़ पन्ने के नोट में उसने पत्नी और अपने बचपन के दोस्त से परेशान होकर कदम उठाने की बात कही है।

मल्हारगंज पुलिस के मुताबिक जनता क्वार्टर निवासी अभिषेक पुत्र जगदीशप्रसाद गुप्ता (37) को उपचार के लिए मां मंजुलता ने अर्पण अस्पताल में भर्ती कराया है। उसके पास से डेढ़ पन्ने का सुसाइड नोट मिला है।

मां ने बताया कि अभिषेक गुरुवार को काम से जल्दी आ गया था। थोड़ी देर बाद पहली मंजिल पर अभिषेक के कमरे से जोर-जोर से आवाजें आने लगी। बेटे को आवाज लगाकर तबीयत के बारे में पूछा तो उसने जहर खाने की बात कही। मां उसे तुरंत नजदीक के अस्पताल में ले गई। मां का आरोप है कि पहले यहां डॉक्टरों ने इलाज करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पर राजबाड़ा स्थित अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया गया।

 

सुसाइड नोट में यह लिखा अभिषेक ने
‘मैं अभिषेक गुप्ता अपने प्राण त्याग रहा हूं एवं मृत्यु में समा जाना चाहता हूं। इसका प्रमुख कारण मेरी पत्नी और मेरा दोस्त नितिन भावसार है जो कि निजी फर्म में कार्यरत है। मेरी पत्नी और मेरे विवाह को दस साल पूर्ण हो गए हैं। हमें एक बेटा और एक बेटी है। दस सालों में शादी होने के बाद छह माह अच्छे से गुजरे, फिर मानसिक कलह और परेशानी सहन करता रहा लेकिन अब हद पार हो चुकी है। इसका कारण मेरी पत्नी है। मेरी पत्नी, मेरे दोस्त नितिन भावसार की हो चुकी है। इन दोनों के बीच कुछ चल रहा है। वॉट्सऐप और चैटिंग व वीडियो कॉल पर अश्लीलता की जा रही है। मेरी पत्नी द्वारा प्राइवेट जगह पर भी मोबाइल ले जाया जा रहा है ताकि अश्लीलता परोसी जा सके।
जब मैंने इन दोनों को समझाया तो परिवार के सामने इन्होंने एक दूसरे को पसंद करने की बात कही। कहा कि हम दोनों प्यार करते हैं। इसके चलते मेरी पत्नी से उसके पिता और बहनों ने भी बात करना बंद कर दी है। इसके बाद पत्नी और दोस्त ने धमकी दी कि तुझे मानसिक रूप से पागल कर देंगे और मार देंगे। मैंने पत्नी को समझाया कि परिवार में इज्जत और मान है। ऐसा मत करो। मैं किसी को मुंह दिखाने के काबिल नही रहूंगा।

लेकिन इतना सोचना तो दूर, वह घर से 7 से 8 घंटे गायब रहने लगी और कहने लगी कि तुम और तुम्हारा परिवार मेरा कुछ नही बिगाड़ सकते। तुम सबको झूठे आरोप में फंसा दूंगी। इन्हें छोड़ा ना जाए। नितिन जो मेरा दोस्त है, उसके भी दो बच्चे हैं। वह उन बच्चों के बारे में भी नहीं सोच रहा और कुकृत्य करता गया। मेरे द्वारा समझाने की कोशिश की गई तो कहने लगा कुछ बिगाड़ नहीं सकता। तुझे तो जान से मार दूंगा।

अभिषेक गुप्ता द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट का पहला पन्ना।

एक दोस्त होकर इतना गंदा काम किया। उसे छोड़ा ना जाए उसे सख्त से सख्त सजा मिले। मेरे बच्चे मेरे माता-पिता को सौंप दिए जाएं। जिस मां ने उनके भविष्य के बारे में नहीं सोचा, उन्हें (दोनों बच्चों को) मेरी पत्नी को सौंपने का कोई मतलब नहीं। मैं मरने जा रहा हूं। मानसिक पीड़ा और इज्जत खो चुका हूं। सहन नही होता अब। नितिन भावसार को छोड़ा नहीं जाए, उसे सख्त से सख्त सजा मिले।’

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