पत्रकार…पत्रकार होता है…उसे आम इंसान समझने की गलती तो बिल्कुल नहीं करनी चाहिए…
A journalist...is a journalist...one should not make the mistake of considering him a common man...
पत्रकार…पत्रकार होता है…उसे आम इंसान समझने की गलती तो बिल्कुल नहीं करनी चाहिए…
The Narad News 24,,,,, रायपुर। छत्तीसगढ़ पत्रकार की शक्ल इंसान की जरूर होती है, मगर वो इंसान तो कम से कम नहीं होता…ब्रेकिंग न्यूज़ के दौरान वो सुपर कमांडो ध्रुव की तेजी से खबर आपतक पहुंचाता है…खबर की जड़ तक शरलकहोम्स बनकर जाता है,आपके खाने पीने में कहां कितना जहर है ये बताते वक्त वो फिजशियन बन जाता है, और मिसाइल लॉन्च की खबर लिखते हुए छोटा मोटा वैज्ञानिक भी वही पत्रकार बनता है…
राजनीति की हर रवायत को बारीकी से समझता है, और आपको समझाता है बिल्कुल प्राइमरी विद्यालय के मास्टर सिपाहीलाल की तरह… आधी रात को जब आप स्वप्नलोक में विचरण कर रहे होते हैं, तो वो रातभर में देश दुनिया के घटनाक्रम को आप तक पहुंचाने के प्रयत्न में जार-जार हो रहा होता है..जब पूरी दुनिया काम पर निकलती है तो वो शोर-शराबे के बीच 1 घंटे सोने की जद्दोजहद में होता है…वो मंत्री, सांसद, विधायक, लेखपाल, तहसीलदार, थानेदार, हवलदार तक से गाली खाता है, उसकी पूरी कौम को कोई टुटपुंजिया भी बिका हुआ और दलाल बड़ी आसानी से कह जाता है…दबंग लोग उसका घर फूंक देते हैं,कई बार उसे ही फूंक देते हैं…और वो अपने मर चुके साथी की खबर भी उसी की बोर्ड पर टाइप करता है जिस की-बोर्ड पर वो कटरीना और रणबीर की प्रेम कहानी लिखता है…पत्रकार लड़का लड़की, महिला पुरुष, नहीं होता वो पत्रकार होता है, रंगहीन गंधहीन संवेदनहीन...होली,दिवाली , ईद बकरीद ज्यादातर त्योहार वो न्यूज़रूम में ही मनाता है,परिवार के बीच होने वाले 10 उत्सवों में से 8 में वो अक्सर नहीं पहुंच पाता…नाते रिश्तेदार उसके लिए दूरसंचार की दुनिया में सीमित होते हैं…एक बार घर से निकलते वक्त मां बाप को सामने या फोन पर प्रणाम करता है, और नौकरी खत्म करने के बाद यही औपचारिकता दोबारा करता है…दुनिया भर की तकलीफें आपतक पहुंचाता है…मगर अपना कष्ट कभी नहीं कहता है…इन सबके बीच वो खुश रहता है…जानते हैं क्यों…क्योंकि पत्रकार…पत्रकार होता है…उसे इंसान समझने की गलती तो बिल्कुल नहीं करनी चाहिए..।
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