बेकाबू ट्रेलर ने माता-पिता से छीन ली मासूम बेटा-बेटी की जिंदगी
शनिवार की सुबह साइकिल से स्कूल जा रहे भाई-बहन को तेज रफ्तार ट्रेलर के चालक ने टक्कर मार दिया। इससे दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद आक्रोशित लोगों ने चक्काजाम कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। सूचना पर सिरगिट्टी पुलिस और अधिकारी मौके पर पहुंच लोगों को शांत कराया।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। सिरगिट्टी क्षेत्र के नयापारा वार्ड नंबर 12 में रहने वाले लालू केंवट किराना दुकान चलाते हैं। उसकी भांजी भावना केंवट (15) कक्षा दसवी और भांजा आयुष केंवट (12) कक्षा सातवी में सिरगिट्टी के सरकारी स्कूल में पढ़ाई करते थे। रोज की तरह दोनों भाई-बहन शनिवार की सुबह सात बजे साइकिल से बन्नाक चौक स्थित सरकारी स्कूल जा रहे थे।
दोनों पेट्रोल पंप के पास पहुंचे थे। तभी एक तेज रफ्तार ट्रेलर चालक ने तेजी व लापरवाही पूर्वक चलाते हुए छात्रों को अपनी चपेट में ले लिया। इससे भाई-बहन की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने चक्काजाम कर दिया।
इससे घंटों आवागमन प्रभावित हुआ। सूचना पर पुलिस की टीम पहुंची और लोगों को समझाइश दी। लेकिन स्वजन व लोगों ने शव के सामने बैठकर नारेबाजी किया। पीड़ित परिवार को तत्काल सहायता राशि देने की मांग पर अड़ गए। भारी मशक्कत करने के बाद मामला शांत हुआ। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराकर स्वजन को सौंपा गया।
चालक गिरफ्तार, मालिक को बचाने में लगी पुलिस
सिरगिट्टी पुलिस की टीम आरोपित चालक व ट्रेलर वाहन की तलाश कर गिरफ्तार किया बताया जा रहा है कि वाहन मालिक व चालक स्थानीय हैं। सिरगिट्टी पुलिस वाहन मालिक व चालक को बचाने में लग गई।
इससे लोगों में गुस्सा भड़क गया और टीआइ को हटाने की मांग करते हुए बीच सड़क पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके चलते वहां तनाव का महौल बन गया।
पंचर दुकान में की तोड़फोड़
आक्रोशित लोगों ने पास ही में स्थित टायर पंचर बनाने वाले की दुकान को हटाने की मांग करते हुए तोड़फोड़ किया। लोगों का कहना है कि मोड़ के पास ही पंचर बनाने की दुकान है। इससे सभी गाड़ी वहां खड़ी कर देते हैं। इससे दूसरी तरफ से सामने की ओर से आने वाली गाड़ी नजर नहीं आती है। इसके चलते इस तरह की घटनाएं होती है। इसे लेकर स्पीड ब्रेकर बनवाने की मांग की। 5.50 लाख की मिली सहायता राशि पुलिस ने बताया कि चार साल साल पहले मृतका भावना के पिता की मौत हो गई थी। तब से भावना, छोटे भाई आयुष अपनी मां सविता के साथ मामा के घर पर रहती थी।
मामा लालू केंवट परिवार का भरण पोषण करते हैं। मां सविता बर्तन साफ करने का काम करती है। सविता की दो संतान थे। इस हादसे में दोनों बच्चों की मौत हो गई। इस मामले में वाहन मालिक ने पीड़ित परिवार को तत्काल पांच लाख रुपये व शासन की ओर से 50 हजार रुपये मुआवजा राशि दी गई।