रीवैल का साइड इफैक्ट:503 छात्रों का बदला रिजल्ट, दोबारा जंचवाईं कापियां, पहले पास थे अब मिल गई सप्लीमेंट्री
THE NARAD NEWS24……………………………रीवैल के तहत दोबारा कापियां जंचवाना कभी-कभी छात्रों के लिए नुकसानदेह भी साबित हो सकता है। इसका ताजा उदाहरण रविवि में आया है। यहां बीकॉम व बीएससी सेकंड ईयर के चार छात्र जो पास थे। ज्यादा नंबर की उम्मीद में इन्होंने दोबारा मूल्यांकन कराया। रीवैल के नतीजे के बाद वे पास से पूरक हो गए हैं। इसी तरह 503 छात्रों का रिजल्ट भी बदला है। इसमें से 302 छात्र जो पहले पूरक या फेल थे, अब पास हो गए हैं। इसी तरह 1221 छात्रों के नंबर भी बढ़े हैं। हालांकि, इनका रिजल्ट नो चेंज है।
कोरोना काल में तीन साल तक रविवि की परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में हुई। छात्रों ने घर बैठकर परीक्षा दी। तब तीनों वर्ष बड़ी संख्या में छात्र पास हुए थे। इस बार विवि की वार्षिक परीक्षा ऑफलाइन मोड में हुई। छात्रों ने सेंटर में आकर परीक्षा दी। इसका असर रिजल्ट पर पड़ा। बीए, बीकॉम, बीएससी व बीसीए में करीब 39 फीसदी छात्र ही पास हुए। नतीजे आने के बाद छात्रों ने मूल्यांकन पर सवाल उठाएं। अब रीवैल के नतीजे के बाद छात्रों के नंबर बढ़ने और रिजल्ट में बदलाव होने से यह बात साफ हो रही है कि वार्षिक परीक्षा के मूल्यांकन में लापरवाही बरती गई है।
हालांकि, छात्रों की श्किायत के बाद रविवि ने अपने स्तर पर जांच की, और मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वाले एक मूल्यांकनकर्ता पर कार्रवाई भी की।संबंधित मूल्यांकनकर्ता को हमेशा के लिए मूल्यांकन से बाहर किया। साथ ही संबंधित सेंटर से भी जवाब मांगा है।
बीकॉम में 54 और बीएससी में 143 छात्रों को मिला पूरक
बीकॉम पार्ट-2 की परीक्षा में 124 छात्र ऐसे थे जिन्हें पहले पूरक मिला था। रीवैल के बाद अब पास हो गए हैं। 54 छात्र जो फेल थे, अब उन्हें पूरक मिला है। इसी तरह 21 फेल छात्र सीधे पास हो गए हैं। 26 ऐसे छात्र भी हैं जिनके 20 प्रतिशत से अधिक नंबर बढ़े हैं। इनकी कापियां का फिर से मूल्यांकन होगा। माना जा रहा है कि इनका रिजल्ट भी बदलेगा। बीकॉम में 402 छात्रों के नंबर कम व ज्यादा हुए हैं, हालांकि रिजल्ट नो चेंज है। बीएससी पार्ट-2 में 157 छात्र पूरक से पास हुए हैं। 143 फेल स्टूडेंट्स को अब सप्लीमेंट्री मिली है। इसी तरह बीसीए सेकंड ईयर के 6 छात्र पास हुए हैं। 4 को पूरक मिला है।
नई व्यवस्था, अगले साल वार्षिक परीक्षा की कापियां भी विवि में जचेंगी
पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की ओर से कापियों के मूल्यांकन के लिए नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत कापियां की जांच दूसरे सेंटरों में नहीं होगी। रविवि में ही मूल्यांकन होगा। प्रोफेसर विवि आकर कापियां जाचेंगे। पीएचडी प्रवेश परीक्षा की कापियों के मूल्यांकन से इसकी शुरुआत हो गई है। अब पूरक परीक्षा ही नहीं सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षा की कापियां का मूल्यांकन इसी फार्मूले से होगा।