![](https://thenaradnews24.com/wp-content/uploads/2023/09/1695384317.gif)
THE NARAR NEWS24………………………….ये घटना उस रात की है जिसका कोई गवाह नहीं है, लेकिन ये सच है कि चंबल नदी में आई बाढ़ में पीथमपुर के गांव घाटा बिल्लौद में तीन लोग एक बंद कमरे में डूबकर मर गए। तीन दिन तक किसी को पता नहीं चला। जब लाशें सड़ने लगीं और बदबू आई तो ग्राम पंचायत के मजदूरों ने देखा। तब जाकर इस घटना का खुलासा हुआ। लाशों को पहचान पाना मुश्किल था। बड़ी मशक्कत के बाद मृतकों के रिश्तेदार मिले और उन्होंने एक मृतक के हाथ पर गोदने के निशान और कड़े से उनकी शिनाख्त की। मरने वालों में पति, पत्नी और उनका 14 साल का एक बच्चा था।
पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव निकाले
आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई। घटनास्थल घाटा बिल्लौद चौकी से कुछ ही दूर था तो पुलिस भी तुरंत ही पहुंच गई। पुलिस की मौजूदगी में कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो कमरे के फर्श पर कीचड़ से सने तीन शव मिले। इसमें एक शव 40-45 साल के एक पुरुष का, दूसरा 35-40 साल की महिला का और तीसरा 13 या 14 साल के बच्चे का था। शव पुराने थे और कीचड़ से सने हुए थे।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी गई। स्थानीय तहसीलदार रोशनी पाटीदार को भी बुलाया गया। इसके बाद उन शवों की पहचान की जद्दोजहद शुरू हुई। आसपास के लोगों ने शवों को पहचानने से मना कर दिया। बड़ी मशक्कत के बाद यह पता चला कि मृतक मनावर के रहने वाले थे और घाटा बिल्लौद में कुछ महीनों से कचरा बीनने का काम कर रहे थे।