बिलासपुर संभाग की 25 सीटों पर कांग्रेस का फोकस:राहुल गांधी के दौरे का सियासी समीकरण समझिए
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THE NARAD NEFWS24…………………….राहुल गांधी सोमवार 25 सिंतबर को ‘आवास न्याय सम्मलेन’ में शामिल होने छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। कार्यक्रम बिलासपुर संभाग के तखतपुर में आयोजन होगा। इस संभाग में सबसे ज्यादा 25 विधानसभा सीटें हैं। इसलिए राजनीतिक दलों का फोकस यहां पर है।
बिलासपुर संभाग की राजनीति बेहद दिलचस्प है। यहां क्षेत्रीय दल कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार की जीत और हार का फैसला करती है। जोगी कांग्रेस के साथ-साथ कुछ हिस्सों में बहुजन समाज पार्टी तो कुछ हिस्सों में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का असर देखने को मिलता है।
बिलासपुर संभाग में सबसे अधिक 25 सीटें
इस संभाग में 8 जिले हैं और 25 विधानसभा सीटें हैं। 2018 में कांग्रेस को 14 और बीजेपी को 7 सीटें मिली थी। बीएसपी और जोगी कांग्रेस के खाते में 4 सीटें आई थी। जिसमें जोगी कांग्रेस को दो सीट और बीएसपी को दो सीट पर जीत मिली थी। यह पहला संभाग है जहां कांग्रेस को 11 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा।
![बीजेपी और कांग्रेस](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/09/25/_1695610032.jpg)
ये है क्षेत्रीय पार्टियों का समीकरण
कोटा, मरवाही और लोरमी की सीटों में जोगी कांग्रेस का प्रभाव देखने को मिलता है। मस्तूरी, बेलतरा और बिल्हा सीटों पर बहुजन समाज पार्टी जीत और हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रही है। जांजगीर-चांपा जिले की राजनीतिक तासीर एकदम अलग है। जिले की छह विधानसभा सीटों पर बसपा का अच्छा खास प्रभाव नजर आता है। पामगढ़ और जैजैपुर में बसपा प्रभावी भूमिका में नजर आती है।