छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में ईडी मुख्यालय का कांग्रेस पार्टी द्वारा घेराव किया गया
राहुल गांधी जी द्वारा पिछले 10 वर्षों से लगातार अडानी के गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं
अडानी ने 2020 से ही अपनी 7 लिस्टेड कंपनियों के शेयर के जरिये 100 अरब डॉलर मतलब लगभग 84 खरब के आसपास संपत्ति अर्जित कर ली है, हिंडनबर्ग के रिपोर्ट का खुलासा – विकास उपाध्याय
The Narad News 24,,,,,,रायपुर (छत्तीसगढ़)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव व पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने आज हिंडनबर्ग के मामले में तमाम कांग्रेस नेताओं के साथ ईडी घेराव करने पहुँचे, उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग का आरोप है कि अडानी ग्रुप के विदेशी फंड में सेबी चीफ और उनके पति की हिस्सेदारी है रिपोर्ट में अडानी ग्रुप और सेबी के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी ने 2020 से ही अपनी 7 लिस्टेड कंपनियों के शेयर के जरिये 100 अरब डॉलर मतलब लगभग 84 खरब के आसपास संपत्ति अर्जित कर ली है। विकास उपाध्याय ने कहा कि छोटे व्यापारी या कर्मचारी या नेता के पास ईडी को जब पता चलता है कि 5, 10 लाख की भी संपत्ति है तो वह कार्रवाई शुरू कर देती है, लेकिन इस पर उनकी चुप्पी यह बताती है कि वर्तमान केन्द्र की सरकार की मिलीभगत के साथ इस पूरी घटनाक्रम को अंजाम दिया जा रहा है।
विकास उपाध्याय ने रिपोर्ट के अनुसार बताया कि हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि कैसे ऑफशोर फंडिंग से स्टॉक मैन्युपुलेशन होता था और राउंड ट्रिपिंग की जाती थी। इन मामलों की जांच एसईबीआई को सौंपी गई, क्योंकि मार्केट को रेगुलेट करने का काम एसईबीआई करता है। लेकिन अब हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट से पता चला है कि एसईबीआई चीफ माधबी बुच और उनके पति धवल बुच उन्हीं बरमूडा/मॉरीशस फंड में निवेश कर रहे थे, जिनके साथ गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी का संबंध था। हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में बताया गया है कि माधबी बुच का अडानी ग्रुप से जुड़े ऑफशोर फंड में निवेश था। माधबी बुच ने एसईबीआई चीफ बनने पर अपनी शेयर होल्डिंग अपने पति धवल बुच को ट्रांसफर कर दी।
रिपोर्ट के मुताबिकः माधबी बुच और धवल बुच ने 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ खाता खोला था। ये आईपीई प्लस फंड 1, अडानी समूह के एक डायरेक्टर ने आईआईएफएल के माध्यम से खोला था। आईआईएफएल की ओर से एक घोषणा में उनके इन्वेस्टमेंट सोर्स को सैलरी बताया गया है और उनकी कुल संपत्ति 10 मिलियन डॉलर आंकी गई। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में एसईबीआई चेयरपर्सन माधबी बुच के अलावा अगोरा और ब्लैकस्टोन का जिक्र है। ये दोनों अहम किरदार है। अप्रैल 2017 से मार्च 2022 तक, जब माधबी बुच एसईबीआई में होलटाइम मेंबर और चेयरपर्सन थीं, तब उनके पास एक ऑफशोर सिंगापुरी कंसल्टिंग फर्म में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जिसे अगोरा पार्टनर्स कहा जाता था। मार्च 2022 में,एसईबीआई चेयरपर्सन बनने पर उन्होंने अपने शेयर पति धवल बुच को ट्रांसफर कर दिए थे। अगोरा पार्टनर्स कंपनी साल 2013 को सिंगापुर में रजिस्टर्ड हुई थी। एसईबीआई चेयरपर्सन माधबी बुच के पास वर्तमान में अगोरा एडवाईजरी नाम की कंपनी में 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है। माधबी के पति धवल बुच ही इसके डायरेक्टर हैं। साल 2022 में, अगोरा ने 2,61,000 डॉलर का रेवेन्यू कमाया था, जो एसईबीआई चीफ माधबी बुच की सैलरी का करीब साढ़े 4 गुना है। अब कहानी अहम किरदार ब्लैकस्टोन की.. आजकल एसईबीआई रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटीज़) की खूब पैरवी करता है। माधबी बुच जी ने सार्वजनिक तौर पर आरईआईटीज़ को अपना ’फेवरेट इनवेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट’ बताया है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में एसईबीआई चीफ पर ब्लैकस्टोन जैसी कंपनियों को रेगुलेटरी बूस्ट देने के आरोप लगाए हैं। हिंडनबर्ग का कहना है कि माधबी के एसईबीआई चीफ रहते हुए उनके पति धवल बुच ब्लैकस्टोन के सीनियर एडवाइजर बन गए। ठसंबोजवदम भारत में रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटीज़) का एक बड़ा प्लेयर है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि नियम-कानून ऐसे बदले गए, जिससे सारा फायदा आरईआईटीज़ को हो रहा था और आरईआईटीज़ में सबसे बड़ा प्लेयर ब्लैकस्टोन था, जिसमें एसईबीआई चीफ के पति सीनियर एडवाइजर थे। हिंडनबर्ग का आरोप है- क्या माधबी बुच जी ने ये सब कहते हुए यह जिक्र किया था कि उनके पति ब्लैकस्टोन से जुड़े हैं, जो आरईआईटीज़ में सबसे बड़ा प्लेयर है। पता चलने के बाद उन्होंने नेक्सस सिलेक्ट ट्रस्ट में 33 करोड़ यूनिट 4,550 करोड़ रुपये में बेच दिए। सवाल है- क्या यहां आपदा से पहले फायदा बनाया जा रहा था? क्या अडानी महाघोटाले की जांच इसलिए नहीं हो रही थी, क्योंकि जिसे जांच करनी थी, वो खुद इस मामले में शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट बार-बार निवेश की जानकारी मांगता था, एसईबीआई बार-बार आनाकानी करता था। एसईबीआई ने तो कह दिया था कि हमें कुछ मिल ही नहीं रहा है। ये मिनिमम लेवल पर पारदर्शिता को तार-तार करता है और मैक्सिमम लेवल पर सबसे बड़ी ‘‘क्रिमिनल कॉन्स्पीरेसी’’ है। उपाध्याय ने कहा कि केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार अडानी मामले में दीवार बनकर खड़े हो जाती है, उनके भ्रष्टाचार और गलत नीति से किये व्यापार को बढ़ावा देती है। देश के नेता एवं लोकसभा में नेताप्रतिपक्ष राहुल गांधी जी द्वारा पिछले 10 वर्षों से लगातार अडानी के गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और आज उन्हीं के आव्हान पर पूरे देश में ईडी मुख्यालय का कांग्रेस पार्टी द्वारा घेराव किया गया। जबतक इस प्रकरण में अडानी के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जाती तबतक कांग्रेस पार्टी सदन और सड़क की लड़ाई लड़ती रहेगी, आज के इस ईडी कार्यालय के घेराव में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज जी, विधानसभा नेताप्रतिपक्ष श्री चरणदास महंत जी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी, कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना दास महंत जी, वरिष्ठ पूर्व विधायक सत्यनारायण शर्मा जी के साथ राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय एवं शहर एवं ग्रामीण अध्यक्ष गिरीश दुबे, उधोराम वर्मा उपस्थित थे।