भाजपा का पलटवार- भूपेश बघेल का बयान चोर की दाढ़ी में तिनका जैसा।
भूपेश बघेल का बयान संविधान विरोधी, राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए : देवलाल ठाकुर।

The Narad News 24,,, रायपुर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा है कि एक तरफ कांग्रेस देश भर में संविधान की दुहाई देती फिर रही है, वहीं कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार करते रहना निंदनीय है। राहुल गांधी को इस पर ध्यान देना चाहिए। 
प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तेवर यह साफ दिखा रहे हैं कि वे बौखलाए हुए हैं। बेटा जेल में है, खुद पर और उनके सहयोगियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, और उनके शासनकाल में हुए भारी-भरकम घोटालों की परतें एक-एक कर खुल रही हैं। ऐसी स्थिति में जब जांच एजेंसियां लगातार कार्रवाई कर रही हैं, तो बघेल अब न्यायपालिका और एजेंसियों दोनों पर उंगली उठाने लगे हैं। यह वही पुराना तरीका है, जिससे वे हमेशा विवादों से ध्यान भटकाने की कोशिश करते रहे हैं — यह चोर की दाढ़ी में तिनका जैसा है।
श्री ठाकुर ने कहा कि बघेल शासनकाल की सच्चाई अब दस्तावेज़ों और साक्ष्यों के साथ सामने आ रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) दोनों ने कई प्रकरणों में ठोस कार्रवाई की है। शराब घोटाले में सरकार खुद राजस्व की चोरी करते पाई गई है। उन्होंने महा कि सरकारी व्यवस्था, जिसकी जिम्मेदारी जनता के पैसे की सुरक्षा और पारदर्शी वितरण की होती है, उसी का उपयोग राजस्व की हेराफेरी के लिए किया गया। यह घोटाला सिर्फ वित्तीय अनियमितता नहीं, बल्कि कांग्रेस की नीयत पर गहरा प्रश्नचिह्न है।
भाजपा प्रवक्ता ठाकुर ने कहा कि बघेल शासनकाल में भ्रष्टाचार का ऐसा संगठित तंत्र विकसित हुआ था, जहाँ कांग्रेस पार्टी के प्रदेश कार्यालय को ही घोटालों के पैसों के संग्रह केंद्र में बदल दिया गया। विभिन्न विभागों से वसूले गए कमीशन और रिश्वत की रकम वहीं जमा की जाती थी। इसके बाद वही पैसे ऊपर तक भेजे जाते थे। यह पूरा सिस्टम एक संगठित आर्थिक अपराध के रूप में काम कर रहा था, जिसमें हर स्तर पर राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए नेताओं और अधिकारियों के मोबाइल से जप्त व्हाट्सएप चैट्स इस बात के गवाह हैं कि सारा घोटाला सरकार के शीर्ष स्तर पर चल रहा था।
प्रवक्ता श्री ठाकुर ने कहा कि देश में कानून का राज है। बघेल अपना पक्ष अदालत में रखें। बेजा बयानबाजी कर जांच एजेंसियों पर अनुचित दबाव डालने की कोशिश से कोई भी लाभ नहीं होने वाला है।



