पीएससी में अजब-गजब मार्किंग: फिर भी क्वालिफाई
THE NARAD NEWS24……………..राकेश पाण्डेय पीएससी में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बीच मुख्य परीक्षा में मार्किंग पर भी सवाल उठ रहे हैं। परीक्षकों द्वारा चेक की गई कॉपी को लेकर छात्र अब मुखर हो रहे हैं। दरअसल पीएससी 2022 के नतीजों पर सवाल उठने और कोर्ट की टिप्पणी के बाद छात्र उत्तर पुस्तिकाओं में परीक्षकों द्वारा नंबर देने पर भी सवाल खड़ा कर रहे हैं।
इसमें नियमों के उल्लंघन और पहचान जारी करने वाले चिन्हों, नाम आदि का उल्लेख करना प्रतिबंधित है, लेकिन कई ऐसे छात्र हैं जिन्होंने इन नियमों का उल्लंघन किया है। इसके बावजूद वो न सिर्फ सलेक्ट हुए हैं बल्कि उन सवालों में उनको परीक्षक के द्वारा नंबर भी दिया गया है। इस तरह की अजब गजब मार्किंग वाली कुछ कापियां उपलब्ध हैं।
गलत जवाब पर पूरे अंक
पीएससी में एक सवाल पूछा गया है कि कुछ लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम लिखिए। छात्र ने अपने उत्तर मेंे कंप्यूटर के पार्ट का नाम जैसे की-बोर्ड, माऊस, प्रिंटर और मानीटर लिखा है। जबकि सवाल में ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम लिखना था। हद तो यह है कि कॉपी को चेक करने वाले परीक्षक ने इस सवाल में भी छात्र को पूरा अंक दिया है।
बेतरतीब ढंग से लिखा निबंध
एक छात्र ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक पर अंग्रेजी में निंबध लिखा है। बेतरतीब ढ़ंग से लिखे इन निबंधों में भी छात्र को 50 में से क्रमश: 41 और 38 मार्क्स मिले हैं। यानि परीक्षक ने 80% और 76% नंबर दिए हैं। इसे लेकर हिंदी भाषी छात्रों में रोष है। यह छात्र पीएससी के टॉप टेन रैंक में शामिल हैं।
एक ही सवाल के अलग-अलग जवाब लेकिन अंक समान
कॉपी चेकिंग की गड़बड़ी को इस तरह समझा जा सकता है कि दो अलग- अलग छात्रों ने गणित के एक ही सवाल को दो अलग- अलग उत्तर लिखा। एक का उत्तर गलत था जबकि दूसरे का सही, लेकिन परीक्षक ने गलत उत्तर पर ज्यादा और सही उत्तर पर कम अंक दे दिए। आंसरशीट मिलने के बाद इस तरह की गड़बड़ियों का खुलासा हुआ।
प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक से शिकायत
पीएससी मुख्य परीक्षा में परीक्षक द्वारा आंसरशीट के गलत मूल्यांकन को लेकर छात्रों ने प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक से शिकायत की गई है। इससे पहले मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी शिकायत की गई थी। इसमें शिकायतकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2022 की मेरिट सूची को स्थगित कर मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का पुन: मूल्यांकन कर नई मेरिट लिस्ट जारी करने की मांग की है।
शिकायत के साथ ही गलत मूल्यांकन के कई उदाहरण भी प्रस्तुत किए गए हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि कई अभ्यर्थियों के प्रश्नों का मूल्यांकन ही नहीं किया गया है। दरअसल, पीएससी मुख्य परीक्षा के अंतिम नतीजों से असंतुष्ट छात्रों ने आंसरशीट मिलने के बाद पहले आयोग में आपत्तियां लगाईं। आयोग ने ध्यान नहीं दिया तब सीएम, राज्यपाल, पीएम और राष्ट्रपति को भी पत्र लिखकर शिकायत की गई है।