केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने स्वामी विवेकानंद विमानतल पर किया आत्मीय स्वागत*
छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार-2025 का होगा आयोजन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दुर्गाष्टमी और महानवमी की प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएँ Union Home Minister Shri Amit Shah was given a warm welcome by Chief Minister Shri Vishnudev Sai at Swami Vivekananda Airport*

The Narad News 24,,,,,,,रायपुर, 4 अप्रैल/ केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का आज रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पहुंचने पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आत्मीय स्वागत किया।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, विधायक श्री अनुज शर्मा ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार-2025 का होगा आयोजन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दुर्गाष्टमी और महानवमी की प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएँ
*सुशासन तिहार-2025: पारदर्शिता, संवाद और समाधान की नई पहल*
*मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार आयोजन के संबंध में कलेक्टरों को दिए दिशा-निर्देश*
रायपुर, 04 अप्रैल 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र जारी करते हुए “सुशासन तिहार-2025” के आयोजन के निर्देश दिए है। यह तिहार प्रदेश में सुशासन की सशक्त स्थापना, जनसमस्याओं के त्वरित समाधान, जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा और जन संवाद को सशक्त बनाने के उद्देश्य से तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने स्पष्ट किया कि सरकार शासन के प्रत्येक स्तर पर पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जन-हितैषी प्रशासन की स्थापना को लेकर कटिबद्ध है। इस तिहार के माध्यम से शासन-प्रशासन सीधे आम जनता से जुड़कर, उनकी समस्याओं को समयबद्ध ढंग से सुलझाने का कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारी सरकार राज्य में सुशासन की स्थापना को लेकर लगातार काम कर रही है। शासन-प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर शासकीय काम-काज में पारदर्शिता आए, शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो, इसका लाभ समाज के उन वर्गों को तत्परता से मिले, जिनके लिए योजनाएं संचालित की जा रही हैं, इसको लेकर शासन-प्रशासन स्तर पर प्रभावी पहल की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर सुशासन तिहार-2025 के संचालन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि “सुशासन तिहार-2025” के आयोजन के उद्देश्य आम जनता की समस्याओं का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करना, शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करना तथा विकास कार्यों में गति लाने के साथ ही आम जनता, जनप्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों से सीधा संवाद स्थापित करना है।
*सुशासन तिहार-2025 का आयोजन तीन चरणों में*
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन तिहार-2025 का आयोजन तीन चरणों में होगा। पहले चरण में 08 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक आम जनता से आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। दूसरे चरण में लगभग एक माह के भीतर प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया जाएगा। तीसरे एवं अंतिम चरण में 05 मई से 31 मई 2025 के बीच समाधान शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इस तिहार को सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं एवं एक पोर्टल बनाया जा रहा है। प्रत्येक जिले की परंपराओं, आवश्यकताओं और परिस्थितियों के अनुसार नवाचार भी किए जा सकते हैं, जिससे यह तिहार अधिक जनोपयोगी और प्रभावशाली बने।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि आम जनता से उनकी समस्याओं के संबंध में 08 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक ग्राम पंचायत मुख्यालयों और नगरीय निकाय कार्यालयों में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। इन स्थलों पर समाधान पेटी रखी जाएगी, ताकि लोग अपनी समस्याएं और शिकायतें निःसंकोच लिखकर उसमें डाल सकें। आवेदन प्राप्त करने के लिए समाधान पेटी की व्यवस्था जिला और विकासखण्ड मुख्यालय स्तर पर भी की जाए। आवश्यकतानुसार हाट बाजारों में भी आवेदन संग्रह किये जा सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने की भी पोर्टल में व्यवस्था रहेगी। कॉमन सर्विस सेंटर का भी ऑनलाइन आवेदन लेने हेतु उपयोग किया जा सकता है। प्रत्येक आवेदन को एक कोड देने की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी। निर्धारित प्रारूप में खाली आवेदन पत्र (ग्रामवार/नगरीय निकायवार कोड सहित) प्रिन्ट कराकर ग्रामीणों को उपलब्ध कराये जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रत्येक आवेदन को पोर्टल में पंजीकृत कर ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा, साथ ही, आवेदनकर्ता को पावती दी जाएगी। जनता को आवेदन लिखने में सहायता प्रदान करने हेतु कलेक्टर आवश्यकतानुसार अधिकारियों/कर्मचारियों की ड्यूटी लगा सकते हैं। इन तिथियों का विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
*आवेदनों का निराकरण*
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सभी प्राप्त आवेदनों को स्कैन कर सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा और संबंधित जिला/जनपद/नगरीय निकाय के अधिकारियों को ऑनलाइन व भौतिक रूप से भेजा जाएगा। संबंधित विभाग/अधिकारी लगभग एक माह में इन आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित करेंगे। मांग से संबंधित आवेदनों को बजट की उपलब्धता के आधार पर निराकृत किया जाएगा। इन आवेदनों के निराकरण की गुणवत्ता का विश्लेषण जिला और राज्य स्तर पर किया जाए।
*समाधान शिविर का आयोजन*
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 05 मई से 31 मई 2025 के दौरान प्रत्येक 08 से 15 पंचायतों के मध्य समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें आवेदकों को उनके आवेदनों की स्थिति की जानकारी दी जाएगी। नगरीय निकायों में भी आवश्यकतानुसार समाधान शिविर आयोजित होंगे। शिविरों के आयोजन की तिथि की जानकारी आवेदकों को एस.एम.एस. के माध्यम से तथा आवेदन की पावती के माध्यम से दी जाए, साथ ही इन तिथियों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए। इन शिविरों में प्राप्त आवेदनों की प्रविष्टि भी पोर्टल में की जाए तथा जिन आवेदनों का निराकरण शिविर में सम्भव हो, शिविर में किया जाए, शेष आवेदनों का समाधान एक माह में कर आवेदकों को सूचित किया जाए।
शिविरों में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदन पत्र/प्रपत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक शिविर के लिए एक खंडस्तरीय अधिकारी को प्रभारी बनाया जाए, जो शिविर के समुचित संचालन को सुनिश्चित करेंगे। समाधान शिविरों में विकासखंड एवं अनुभाग स्तर के सभी अधिकारी उपस्थित रहेंगे, जिला स्तर से भी कुछ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इसी तरह की व्यवस्था नगरीय निकायों के शिविरों में भी की जाए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वे स्वयं, उप मुख्यमंत्रीगण, मंत्रीगण, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव एवं राज्य शासन के अधिकारी भी कुछ शिविरों में शामिल होंगे तथा वहां आवेदकों से भेंटकर उनकी समस्याओं और निराकरण के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। इस तिहार को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग किया जाएगा। आवेदन लेने, उनकी प्रविष्टि, मॉनिटरिंग एवं समाधान प्रक्रियाओं के लिए समुचित प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
*जनप्रतिनिधियों की होगी भागीदारी*
जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि इस तिहार में स्थानीय सांसदों, विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की भागीदारी हो और उन्हें आवश्यक जानकारियां समय पर उपलब्ध कराई जाए।
*विकास कार्यों का औचक निरीक्षण*
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों और योजनाओं के क्रियान्वयन का औचक निरीक्षण उनके द्वारा किया जाएगा। विभिन्न योजनाओं से लोगों को मिल रहे लाभ के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। प्रभारी मंत्रीगण, प्रभारी सचिव भी अपने स्तर पर यह प्रक्रिया अपनाएंगे।
*समीक्षा बैठक का आयोजन*
दोपहर के बाद जिला मुख्यालय पर अधिकारियों के साथ बैठक होगी, जिसमें समाधान शिविरों में प्राप्त आवेदनों के निराकरण की स्थिति और विभिन्न योजनाओं व परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी, साथ ही आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी। राज्य स्तर से बिंदुवार समीक्षा पत्रक उपलब्ध कराए जाएंगे।
*प्रेसवार्ता एवं विभिन्न संगठनों तथा नागरिकों से भेंट*
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि समीक्षा बैठक के उपरांत अथवा उपयुक्त समय पर प्रेसवार्ता को संबोधित करेंगे और विभिन्न संगठनों एवं नागरिकों से भेंट करेंगे।
रायपुर: *कुदरगढ़ महोत्सव आस्था, भक्ति और परंपरा का अनूठा संगम: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय*
*कुदरगढ़ मंदिर धाम ’प्रसाद योजना‘ में शामिल: विकास के लिए केन्द्र सरकार से मिलेगी मदद*
*मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय शामिल हुए कुदरगढ़ महोत्सव के समापन समारोह में*
रायपुर, 4 अप्रैल 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि कुदरगढ़ महोत्सव आस्था, भक्ति और परंपरा का अनूठा संगम है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योजनाबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर इस अंचल के आस्था के प्रमुख केन्द्र कुदरगढ़ मंदिर धाम को केन्द्र सरकार की ’प्रसाद योजना‘ में शामिल किया है। इससे यहां के विकास के लिए केन्द्र सरकार से मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ धाम में चैत्र नवरात्र के अवसर पर आयोजित कुदरगढ़ महोत्सव का समापन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
*कुदरगढ़ धाम में शुरू होगा चिकित्सालय*
मुख्यमंत्री श्री साय ने कुदरगढ़ धाम में बनने वाले रोपवे का भूमिपूजन किया। यह रोपवे दो वर्ष में बनकर तैयार होगा। इस अवसर पर उन्होंने कुदरगढ़ धाम के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने प्रशासनिक भवन एवं सर्व सुविधायुक्त सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 50-50 लाख तथा गढ़वातियां माता मंदिर में सीढ़ी निर्माण और पेयजल व्यवस्था हेतु 50 लाख सहित कुल 1 करोड़ 50 लाख रुपये के निर्माण कार्यों की घोषणा की। इस दौरान रोपवे निर्माण के लिए अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने धाम में चिकित्सालय निर्माण की भी घोषणा की, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।
*105 करोड़ रूपए से अधिक लागत के कार्यो का भूमिपूजन-शिलान्यास*
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए माता कुदरगढ़ी से प्रदेश की सुख-शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की और श्रद्धालुओं को चैत्र नवरात्रि की शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस अवसर पर 105 करोड़ रूपए से अधिक लागत के 43 विकास कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने भटगांव विधानसभा क्षेत्र के लिए सुशासन रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो राज्य सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेगा।
*भोरमदेव मंदिर हेतु स्वदेश दर्शन योजना में 148 करोड़ रूपए मंजूर*
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर के विकास के लिए भारत सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत 148 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। प्रदेश की पांच शक्तिपीठों सूरजपुर के कुदरगढ़, चंद्रपुर की चंद्रहासिनी, रतनपुर की मॉ महामाया, डोंगरगढ़ की मॉ बम्लेश्वरी और दंतेवाड़ा की मॉ दंतेश्वरी शक्तिपीठ के विकास के लिए चार धाम की तर्ज पर योजना बनाई गई है। राज्य सरकार द्वारा तीर्थ दर्शन योजना पुनः प्रारंभ की गई है। इस योजना में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ विधवा, परित्यक्ता और दिव्यांगजनों को तीर्थ यात्रा का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पात्र नागरिकों से इस योजना का भरपूर लाभ उठाने की अपील की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना के तहत 22 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में कुंभ के दौरान छत्तीसगढ़ का मंडप बनाया गया था, जहां छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को ठहरने और भोजन के निःशुल्क व्यवस्था की गई थी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास योजनाओं के साथ-साथ समावेशी विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। अंदरूनी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। बस्तर क्षेत्र में नियद नेल्लानार योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ ग्रामीणों को केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। यहां बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े और सांसद श्री चिंतामणि महाराज ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए प्रदेश की समृद्धि, शांति और उन्नति की कामना की। साथ ही रोपवे निर्माण के लिए बधाई देते हुए इसे ऐतिहासिक पहल बताया।
*समापन समारोह में दिखी लोकसंस्कृति की झलक*
समापन समारोह में छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोकसंस्कृति की झलक देखने को मिली। कार्यक्रम के दौरान भक्ति संगीत ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम में माता कुदरगढ़ को समर्पित भजन प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर विभिन्न विभागों की योजनाओं पर लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन किया और हितग्राहियों को हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण किया।
कार्यक्रम में विधायक श्री भूलन सिंह मरावी, श्रीमती शकुंतला पोर्ते, श्रीमती रजनी शंकर त्रिपाठी, वन विकास निगम एवं कुदरगढ़ धाम ट्रस्ट अध्यक्ष श्री रामसेवक पैकरा सहित अनेक गणमान्य नागरिक एवं श्रद्धालु उपस्थित थे।
रायपुर: *मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दुर्गाष्टमी और महानवमी की प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएँ*
रायपुर, 04 अप्रैल 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को दुर्गाष्टमी और महानवमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने नवरात्रि के इस पावन पर्व पर माँ दुर्गा से समस्त प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि और मंगल की कामना की है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संदेश में कहा है कि नवरात्रि, शक्ति उपासना का पर्व है, जो पूरे देश में आस्था, श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाया जाता है। देवी के नौ रूपों की उपासना में अष्टमी और महानवमी का विशेष महत्व है। इन अवसरों पर घरों और मंदिरों में कन्या पूजन तथा भंडारा आयोजित किए जाते हैं, जहाँ बेटियों को देवी का रूप मानकर उनका स्वागत किया जाता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सभी बेटियां देवी स्वरूपा है, अतः हमें नवरात्रि के नौ दिन ही नहीं, बल्कि हर दिन बेटियों और महिलाओं के प्रति सम्मान, सुरक्षा और समानता का भाव बनाए रखना चाहिए। यही देवी उपासना की सच्ची भावना है, और इसी में हमारी संस्कृति की आत्मा भी निहित है।