जिन नामों को लेकर भाजपा में सिरफुटौव्वल मची थी वही प्रत्याशी बनाये गये ,,,सुशील आनंद शुक्ला
भाजपा को वोट देने का मतलब धान खरीदी बंद करना
The Narad news 24,,,,, रायपुर सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की सूची लीक हुई थी तब सूत न कपास जुलाहों में लठ्म लठ्ठा की स्थिति भाजपा में देखने मिल रही थी। भाजपा की पहली अधिकृत सूची जारी होने के बाद सभी 21 स्थानों पर घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ बगावती तेवर भाजपा के कार्यकताओं ने दिखाया, घोषित प्रत्याशियों के विरोध में धरना आंदोलन प्रदर्शन तक हुआ। अब भाजपा की दूसरी सूची जारी हुई है यह सूची जब लीक हुई थी तब इस सूची के बाद तो भाजपा के सारे अनुशासन के दावे खोखले साबित हो गये वरिष्ठ नेताओं के कपड़े फाड़ने तथा प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय नेताओं के पोस्टरों में कालिख तक पोती गयी है। भाजपा के चुनाव प्रभारी मनसुख मंडाविया तक से अभद्रता की गयी नारे बाजी की गयी। पोस्टर फाड़े गये, भाजपा कार्यालय में प्रदर्शन हुआ उन्हीं सारे नामों को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है।
भाजपा की सूची जारी होने के बाद यह साफ हो गया कि भाजपा ने घिसेपिटे चेहरों पर दांव लगाया।
15 सालों तक जनता का शोषण करने वाले जिन चेहरों की कारण जनता ने भाजपा को नकारा था उन्हीं को फिर से प्रत्याशी बनाया गया।
नान घोटाला, चिटफंड घोटाला, इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला, झलकी जमीन घोटाला, अंखफोड़वा कांड, नसबंदी कांड, स्काई वॉक घोटाले बाज सभी को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है।
गृहमंत्री स्कॉड बनाकर प्रदेश में वसूली करवाने वाले को भी भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है।
भाजपा मे लोकतंत्र समाप्त हो गया, प्रत्याशी चयन के लिये कार्यकर्ताओं से रायशुमारी नहीं की गयी, क्षेत्र में बाहरी प्रत्याशियों को थोपा गया है। भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व भी स्थानीय नेतृत्व के साथ सामंती व्यवहार कर रहा है। जिसके कारण वरिष्ठ नेता भी खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे है। दिल्ली के नेता, छत्तीसगढ़ के बड़े नेताओं और कार्यकताओं को अपमानित कर रहे है जिसके कारण प्रत्याशी घोषित होने के बाद भाजपा में बगावत देखने को मिल रही है।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर से पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनायेगी। जनता जानती है कि भाजपा को वोट देने का मतलब राज्य में चल रही कल्याणकारी योजनाओं पर रोक लगाना। जनता को भाजपा के 15 सालों के कुशासन को भोगी है। 15 सालों के बाद जनता ने 5 सालों के कांग्रेस के जन कल्याणकारी सरकार को देख है। भूपेश सरकार के 5 सालों में हर वर्ग के लिए बनी योजनाओं का जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन हुआ है। जनता फिर 75 सीटों के साथ कांग्रेस की सरकार बनाने प्रतिबद्ध है।
जनता जानती है भाजपा को वोट देने का मतलब-धान खरीदी बंद करना, राजीव गाँधी किसान न्याय योजना बंद करना, बिजली बिल आधा बंद करना, 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री फिर बंद करना, राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना बंद करना, आदिवासियों की जमीने फिर जबरिया छिनी जाएगी। तेंदूपत्ता की क़ीमत 4000 से घटकर फिर 2500 हो जायेगा। भाजपा को वोट देने का मतलब – फिर राज्य की बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत हो जाएगी। भाजपा को वोट देने का मतलब – किसानो की जमीनो पर फिर किसी भाजपाई सत्ताधीश को कब्जा करने का मौका देना। सिंचाई के बांध और सड़क पर भाजपा नेताओं फिर से कब्जा।
भाजपा को वोट देने का मतलब – चिटफंड कम्पनी बुलाकर प्रदेश के गरीब जनता को लूटने देना। भाजपा को वोट देने का मतलब – प्रदेश के 10 हजार से अधिक गोठानों को बंद करना, क्योंकि भाजपा गौशाला के नाम पर अनुदान खाना चाहती है। रमन राज में 1667 करोड़ का गौशाला अनुदान घोटाला हुआ था। भाजपा को वोट देने का मतलब – स्वामी आत्मानंद स्कूल बंद करना। भाजपा को वोट देने का मतलब – 65 वनोपजों की खरीदी बंद करना। भाजपा को वोट देने का मतलब – 13800 राजीव युवा मितान क्लबों को बंद करना। भाजपा को वोट देने का मतलब – छत्तीसगढ़ की संस्कृति, अस्मिता, तीज-त्योहारों एवं परंपराओं को फिर से पीछे धकेलना। इसलिये लोग भाजपा को वोट नहीं देंगे।
मलकीत सिंह गैदू, महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, अजय साहू, प्रवक्ता नितिन भंसाली, प्रकाश मणी वैष्णव, विकास बजाज, परवेज अहमद उपस्थित थे।