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सर्व आदि दल लोकसभा चुनाव में सर्व आदि दल प्रत्याशी उतार रहा है।

3 सीटों पर भाजपा इसाई वोटों के कारण जीती। • 11 सीटों से 1,14,286 वोटों को प्रभावित किया

 

The Narad news 24,,,, रायपुर प्रेस वार्ता में सर्व आदि दल ने विधानसभा चुनाव में ग्यारह प्रत्याशी उतारे थे। पार्टी को पंजीयन 16 अक्टूबर को मिला, चुनाव चिन्ह नहीं मिला। मात्र तीन सप्ताह और शून्य अर्थव्यवस्था के बावजूद पार्टी का प्रदर्शन बहुत उत्साह जनक रहा।

 

बस्तर क्षेत्र की 9 सीटों पर 80,669 वोटों को प्रभावित किया तथा ग्यारह सीटों पर 1,14,286 मतदाताओं को परंपरागत वोटिंग से हटाया।

सरगुजा क्षेत्र में इसाई समाज लामबंद हुआ है। अब तक इसाई समाज में आम सहमति से परम्परागत वोटिंग होती थी। 2023 के चुनाव में समाजिक चर्चाओं के बाद चर्च राजनीति से दूर रहा। सक्षम अगुओ की बाते स्वीकार्य रही। कांग्रेस पार्टी से ईसाई समाज की नाराज़गी, लाशों को उखाड़ना, हत्याए, हमलें, धान लूट पर एफआईआर नहीं होना रहा। कुनकुरी में समयाभाव के कारण लोक स्वीकार्य प्रत्याशी चयन नहीं हो पाया। बाकी सीटों के पर्चे निरस्त हो गए।

चुनाव में ईसाई वोटरों पर जानलेवा हमलें, कोंटा में नामांकन भर रहे दो प्रत्याशियों पर हमलों के कारण भूमिगत होना पड़ा। बड़ी हिम्मत से तीसरा प्रत्याशी श्री चन्ना राम ने पर्चा भरा। हथियार से लैस भीड़ ने वोट ना डालने की चेतावनी दी। दो जगहों पर करीब 25 एकड़ धान की खड़ी फसल लूटी गई। पुलिस से संरक्षण नहीं मिला। डर के माहौल के कारण, नोटा में 7,000 से 8,000 तक वोट पड़ना अभूतपूर्व है। व्याप्त भय के कारण कई चर्चों ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता लें ली है।

कांकेर में भाजपा +16 वोटों से जीती, जबकि सर्व आदि दल को 1,506 मिले और कुल 4,235 वोटों को प्रभावित हुए। केशकाल में भाजपा 5,560 से जीती सर्व आदि दल का प्रभाव 5,727 वोटों पर रहा। वहीं चित्रकूट में भाजपा 8,370 से जीती तथा ईसाई समाज के 10,398 परंपरागत वोट नहीं पड़े।

 

सरगुजा क्षेत्र में सर्व आदि दल के प्रचार से ईसाई समाज को परंपरागत बोटिंग से अलग रखा। बस्तर क्षेत्र कोंटा में कांग्रेस 1,981 से जीती, वही भाजपा को 30,795 मिले। सर्व आदि दल को 2,881 मिले। अत्याचार के दौर में कांग्रेस की निष्क्रियता रही। भाजपा का नैतिक एवं संवैधानिक समर्थन मिलने से कोंटा का रुख बदल जाता। बस्तर सीट में कांग्रेस की जीत 6,431 से हुई और सर्व आदि दल ने 6,539 वोटों को प्रभावित किया।

 

नारायणपुर दंगों के दौर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का बयान “सिर्फ 2% के लिए बाकियों को नाराज नहीं कर सकते” और अल्पसंख्यक आयोग में समाज के सदस्य को स्थान नहीं देना नाराजगी का कारण था। लोक सभा चुनाव में कांग्रेस संवैधानिक और सेक्युलर मूल्यों को पुनः स्थापित करे।

मुख्यमंत्री आदरणीय विष्णु सायं जी ने धर्मांतरण का मुख्य कारण गरीबी, मूल-भूत सुविधा और आत्म-सम्मान के आभाव को खत्म करेंगे कहा है। स्वैच्छिक धर्म मानने की आजादी को बरकरार रखने की घोषणा से समाज में हर्ष है।

The Narad News 24

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