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नैतिक शिक्षा और नैतिक सामाजिक सुधार अच्छे शिक्षक पर निर्भर हैं।

शिक्षक दिवस उन महान हस्तियों कोश्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन है जिन्होंने हमें ज्ञान और समझ की रोशनी दी। शिक्षक केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं होते, बल्कि वे हमारे व्यक्तित्व निर्माण, चरित्र निर्माण और जीवन के सिद्धांतों की शिक्षा भी देते हैं।

 

The Narad News 24,,,, रायपुर में शिक्षक दिवस उन महान हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन है जिन्होंने हमें ज्ञान और समझ की रोशनी दी। शिक्षक केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं होते, बल्कि वे हमारे व्यक्तित्व निर्माण, चरित्र निर्माण और जीवन के सिद्धांतों की शिक्षा भी देते हैं। उनकी ममता और मार्गदर्शन हर मोड़ पर हमारे लिए एक मशाल की तरह होती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षकों की सेवाओं की सराहना करना, उनके सम्मान में सिर झुकाना और उनकी मेहनत का आदर करना हमारा कर्तव्य है।

**शिक्षकों को बधाई और उनके किरदार का महत्व**

 

आज हम शिक्षक दिवस मना रहे हैं, जो कि शिक्षकों की बेहतरीन सेवाओं और उनकी मेहनत को सराहने का एक विशेष अवसर है। हर शिक्षक, चाहे वह किसी भी संस्थान से जुड़ा हो, हमारी जिंदगी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वे हमारे मार्गदर्शक, सलाहकार और निर्माता होते हैं, जो हमें शिक्षा, प्रशिक्षण और विकास की राह पर ले जाते हैं।

शिक्षकों के महत्व को शब्दों में बयां करना संभव नहीं है, क्योंकि वे केवल ज्ञान का स्रोत नहीं होते, बल्कि हमारे चरित्र और नैतिकता का भी निर्माण करते हैं। एक शिक्षक का काम सिर्फ पाठ्यक्रम पढ़ाना नहीं है, बल्कि छात्रों की मानसिक और आध्यात्मिक प्रशिक्षण करना भी है। उनकी मार्गदर्शिता, प्यार और मेहनत से छात्रों में आत्मविश्वास, ज्ञान की प्यास और सत्य का जज़्बा पैदा होता है।

आज के युग में, जब शिक्षा का महत्व हर गुजरते दिन के साथ बढ़ रहा है, शिक्षकों की भूमिका पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। एक शिक्षक न केवल छात्रों को दुनियावी सफलता का रास्ता दिखाता है, बल्कि उनकी नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा भी करता है। शिक्षक की मेहनत और ईमानदारी छात्रों की सफलताओं का कारण बनती है और वे समाज की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

 

सभी शिक्षकों, चाहे वे किसी भी स्कूल या संस्थान से जुड़े हों, के लिए यह दिन एक श्रद्धांजलि है। आप सभी की मेहनत, लगन और त्याग को हम दिल से सराहते हैं। आपकी सेवाओं की कद्र की जाती है और हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान आपको स्वस्थ और खुश रखें, और आप इसी तरह से राष्ट्र की सेवा करते रहें।

सिकंदर महान का कथन है कि मेरे माता-पिता ने मुझे धरती पर उतारा, लेकिन आसमान को छूने और उसमें कमंदें डालने की शिक्षा मुझे मेरे गुरु ने दी।

सिकंदर महान के इस कथन से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि गुरु की शिक्षा इंसान को किस शिखर तक पहुंचा सकती है और किस ऊंचाई को छूने का साहस देती है। गुरु किसी भी समाज और राष्ट्र का निर्माता होता है।

: शिक्षकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए केवल एक ही दिन निर्धारित नहीं होना चाहिए, बल्कि एक अच्छे छात्र के लिए सबसे अच्छा मार्गदर्शन यह है कि वह शिक्षक की हर सलाह, हर चेतावनी और हर सिद्धांत की बात को अपने जीवन में लागू करने का प्रयास करे।

समाज की बदलती मूल्य, शिक्षा के बदलते स्वरूप, आधुनिक तकनीक और वहीं समाजवाद में हो रहे बदलावों ने बच्चों को शैक्षिक मूल्यों से दूर कर दिया है, जो बहुत चिंताजनक बात है। माता-पिता, शिक्षक और बच्चों के बीच बेहतरीन संवाद (इंटरप्रिटेशन) के जरिए ही बच्चों की मानसिक रचनात्मकता और शारीरिक व्यवहारों पर सकारात्मक प्रभाव डाला जा सकता है।

 

Nuzhat abeda

Media incharge JIH

Raipur Chhattisgarh

The Narad News 24

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