इंदौर में गिरफ्तार फर्जी IAS अफसर की इनसाइड स्टोरी:नायब तहसीलदार से एकतरफा प्यार करने लगा; जबरदस्ती बात करने की सनक ने खोली पोल
THE NARAD NEWS24……………………इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार किए गए फर्जी IAS अफसर रामदास गुर्जर की स्टोरी किसी वेब सीरीज से कम नहीं है। मुरैना के छोटे से गांव में बैठकर उसने इंदौर, भोपाल ही नहीं राजस्थान और गुजरात के अफसरों की भी क्लास लगा दी। आरोपी ने स्टेट और सिटी के हिसाब से अपना किरदार बदला। कभी बिजली तो कभी आरटीओ अफसर बनकर अपने काम निकलवा लिए। राजगढ़ में वह इंदौर में रही पूर्व DIG के चंगुल में फंस गया। इसमें उसे 8 साल जेल काटना पड़ी। एक साल पहले छूटने के बाद उसने फिर से फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया। अब दोबारा गिरफ्त में है।
क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश डंडोतिया सहित टीम ने फर्जी IAS अमित सिंह उर्फ रामदास गुर्जर को पकड़ा है। दरअसल, फर्जी IAS अफसर का दिल ग्रामीण इलाके में पदस्थ एक महिला नायब तहसीलदार पर आ गया। इसके चलते वह पटवारी संजय चौधरी पर यह दबाव बनाने लगा कि वह नायब तहसीलदार से उसकी बात कराए। वह शादी का ऑफर देने के लिए भी कहने लगा। यहां तक कि, आरोपी गुर्जर महिला नायब तहसीलदार से मिलने की जिद करते हुए इंदौर भी आ गया। और यहीं पर आकर उलझ गया।
ऐसे पकड़ा गया था 2013 में
2013 में फर्जी IAS अफसर बनकर रामदास ने राजगढ़ के पुलिस कंट्रोल रूम पर कॉल किया। यहां पदस्थ रुचि वर्धन मिश्र का नंबर लिया। IAS अफसर ने बताया कि वह भोपाल वल्लभ भवन में पदस्थ है। उसकी सरकारी गेस्ट हाउस में रुकने की व्यवस्था की जाए। इस दौरान आईपीएस अफसर को शक हुआ। राजगढ़ पहुंचने पर रामदास को गिरफ्तार किया गया। राजगढ़ थाने में ही फर्जीवाड़े को लेकर केस दर्ज हुआ। जिसके बाद उसे 8 साल की सजा हो गई।
कुछ समय राजगढ़ सेंट्रल जेल में रहने के बाद यहां से उसे ग्वालियर जेल शिफ्ट कर दिया गया। यहां से एक साल पहले वह सजा पूरी कर बाहर निकला और फिर से इंदौर और भोपाल के अफसरों को फर्जी नंबरों से कॉल कर पीएमओ दिल्ली में पदस्थ होने की बात करते हुए होटलों में रुकने, खाने की व्यवस्था कराने और वाहनों की डिमांड करता रहा।