मकर सक्रांति शुभ अवसर पर हनुमान मंदिर में स्वयं हनुमान जी प्रकट हुए मनोज राजपूत लेआउट्स कैम्पस में
15 जनवरी 2024 मकर सक्रांति के शुभ अवसर पर, भगवान हनुमान जी के गणों का अचानक वानर के रूप में प्रकट हुए और हनुमान मंदिर में मनोज राजपूत के मस्तक को छूकर आशीर्वाद दिए
मकर सक्रांति शुभ अवसर पर हनुमान मंदिर में स्वयं हनुमान जी प्रकट हुए मनोज राजपूत लेआउट्स कैम्पस में
The narad news 24,,,,, दुर्ग,,,,, शोभायात्रा एक चिट्ठी सियाराम के नाम” सफलता के बाद, मनोज राजपूत लेआउट्स कैम्पस में वानर का अद्भुत सत्संग, श्रीराम जी की शोभायात्रा की सफलता के बाद, 15 जनवरी 2024 मकर सक्रांति के शुभ अवसर पर, भगवान हनुमान जी के गणों का अचानक वानर के रूप में प्रकट हुए और हनुमान मंदिर में मनोज राजपूत के मस्तक को छूकर आशीर्वाद दिए । 13 जनवरी “एक चिट्ठी सियाराम के नाम” धार्मिक शोभायात्रा के अद्भुत सफलता के बाद, 15 जनवरी को, मनोज राजपूत लेआउट्स कैम्पस के मंदिर में, भगवान हनुमान के अनुयायियों का अनूठा दर्शन हुआ। इस प्रसन्नता भरे मकर संक्रांति के पर्व में, मनोज राजपूत एवं उनके समृद्ध टीम ने हनुमान जी के साकार रूप के सामने अपनी भक्ति अर्पित की, उन्हें केले और फलों से भोग चढाने के साथ यह पर्व बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया।
13 जनवरी 2024 को आयोजित धार्मिक प्रक्रिया में जो सियाराम भक्ति दिखी थी जहा पुरे दुर्ग – भिलाई वाशी ने जय श्रीराम के नारे लगाए, और बच्चे -बच्चे ने इसमें आकर श्री रामजी के बाल रूप इसकी शोभा बढ़ाई , उसके बाद, आपुर्ण भक्तों की इच्छाओं को “एक चिट्ठी सिया राम के नाम” के द्वारा अयोध्या में भगवान राम तक पहुंचाने के उद्देश्य से, इस अद्वितीय घटना का होना सामान्य था।
शाम 4:00 बजे से शुरू हुई रैली, जिसकी गूंज दुर्ग-भिलाई के हर कोने-कोने तक सुनाई दी, जिसमे 221 पंडितों, घोड़ों, रथों, झांकियों, और सांगीतिक उपकरणों के साथ बजरंगी के रूप में भगवान हनुमान की अद्वितीय प्रतिष्ठा का प्रदर्शन किया। इसके बाद, 15 जनवरी को, मनोज राजपूत लेआउट्स कैम्पस के मंदिर में, भगवान हनुमान के अनुयायियों ने अपनी अमूर्त आवृत्ति बनाई।
इस आश्चर्यजनक घटना को भगवान हनुमान के अनुयायियों की आत्मिक सामर्थ्य और मनोज राजपूत एवं उनके टीम के द्वारा “एक चिट्ठी सियाराम के नाम” की शोभायात्रा के सकारात्मक प्रयासों की स्वीकृति के रूप में देखा जा रहा है। इस घटना ने सोशल मीडिया पर बहुत प्रतिक्रिया प्राप्त किया है, जिससे सामाजिक और धार्मिक एकता के प्रति लोगों की आकर्षण बनी रही है।