फिल्म के क्लाइमैक्स सीन में इंस्टेंट जस्टिस देने पर बोले बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम पटेल:सिंघम जैसी फिल्में समाज के लिए खतरनाक

THE NARAD NEWS24…………………साल 2011 में रिलीज हुई फिल्म ‘सिंघम’ को अजय देवगन के करियर की सुपरहिट फिल्मों में से एक माना जाता है। इसकी पॉपुलैरिटी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रोहित शेट्टी निर्देशित यह फिल्म आज एक हिट फ्रेंचाइजी में तब्दील हो चुकी है। हाल ही में मेकर्स ने इसके तीसरे पार्ट की शूटिंग भी शुरू की है।
सिंघम में कॉप खुद कानून का पालन नहीं करते
इसी बीच शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के जज गौतम पटेल ने कहा कि सिंघम जैसी फिल्में समाज को बहुत ही खतरनाक संदेश देती हैं। इंडियन पुलिस फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे पटेल ने कहा कि सिंघम जैसे कॉप कानून का पालन ना करते हुए इंस्टेंट जस्टिस डिलिवर करके समाज को गलत संदेश देते हैं।

जजेस को डरपोक और गंदे कपड़े पहने दिखाया जाता है
जस्टिस पटेल ने आगे कहा, ‘फिल्मों में, पुलिस जजेस के खिलाफ भी एक्शन लेते हुए दिखाई जाती है। कई फिल्मों में जजेस को विनम्र, डरपोक, मोटा चश्मा और अक्सर बहुत खराब कपड़े पहने हुए दिखाया जाता है। मेकर्स कोर्ट पर दोषियों को छोड़ देने का आरोप लगाते हैं। अगर कोई न्याय करता है तो वो सिर्फ नायक ही है जो पुलिस वाला बना हुआ है।’

कार्यक्रम में जस्टिस पटेल ने कहा, ‘पुलिस की इमेज दबंग, भ्रष्ट और गैरजिम्मेदार के रूप में मशहूर है और ऐसा ही जजेस, पॉलिटिशियन और जर्नलिस्ट समेत कई लोगों की पब्लिक लाइफ के बारे में भी कहा जा सकता है।