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शहीद कर्नल मनप्रीत को बेटे ने मुखाग्नि दी:7 साल का मासूम आखिरी बार बोला- पापा जय हिंद; पत्नी ताबूत पर सिर रखे रोती रही

THE NARAD NEWS24…………………………..अनंतनाग में बुधवार 13 सितंबर को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए न्यू चंडीगढ़ के कर्नल मनप्रीत सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव भड़ौजियां में हुआ। यहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें विदाई दी गई।

7 साल के बेटे कबीर ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी। वह सैनिक की वर्दी पहने था। आखिरी बार अपने पिता से उसने बस इतना ही कहा- पापा जय हिंद।

शहीद कर्नल की अंतिम यात्रा को घर से 200 मीटर की दूरी तय करने में 20 मिनट लगे। पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित शहीद कर्नल मनप्रीत को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।

चंडीगढ़ से जब शहीद की पार्थिव देह भड़ौजियां लायी गई तो उनके घर के बाहर लोगों की भीड़ लग गई। कर्नल मनप्रीत की पत्नी उनके ताबूत पर सिर रखे रोती रहीं।

कर्नल की अंतिम यात्रा जिस रास्ते से गांव पहुंचनी थी, उसे गांव वालों ने खुद साफ किया। पार्थिव देह घर पहुंचने पर लोगों ने फूल बरसाए।

PHOTOS में देखिए शहीद कर्नल की अंतिम विदाई….

कर्नल मनप्रीत का पार्थिव शरीर श्मशान घाट पहुंच चुका है, जहां अंतिम संस्कार की रस्में चल रही हैं। पास ही उनका बेटा कबीर भी खड़ा है।
कर्नल मनप्रीत का पार्थिव शरीर श्मशान घाट पहुंच चुका है, जहां अंतिम संस्कार की रस्में चल रही हैं। पास ही उनका बेटा कबीर भी खड़ा है।
श्मशान घाट में शहीद कर्नल मनप्रीत को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित, जवानों ने उन्हें गन सैल्यूट दिया।
श्मशान घाट में शहीद कर्नल मनप्रीत को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित, जवानों ने उन्हें गन सैल्यूट दिया।
कर्नल मनप्रीत के घर से श्मशान तक पहुंचने में अंतिम यात्रा को 20 मिनट लगे। इस दौरान बड़ी संख्या में महिला-पुरुष शामिल हुए।
कर्नल मनप्रीत के घर से श्मशान तक पहुंचने में अंतिम यात्रा को 20 मिनट लगे। इस दौरान बड़ी संख्या में महिला-पुरुष शामिल हुए।
अंतिम संस्कार के लिए जाने से पहले कर्नल मनप्रीत के घर अरदास की गई।
अंतिम संस्कार के लिए जाने से पहले कर्नल मनप्रीत के घर अरदास की गई।
जब पिता की अंतिम यात्रा शुरू हुई तो कबीर ने उन्हें सैल्यूट किया।
जब पिता की अंतिम यात्रा शुरू हुई तो कबीर ने उन्हें सैल्यूट किया।
कर्नल मनप्रीत का 7 साल का बेटा कबीर, वर्दी पहनकर आखिरी बार पिता को देखने पहुंचा।
कर्नल मनप्रीत का 7 साल का बेटा कबीर, वर्दी पहनकर आखिरी बार पिता को देखने पहुंचा।
पति मनप्रीत के पार्थिव शरीर पर सिर रखे हुए पत्नी जगमीत ग्रेवाल। जगमीत, पंचकूला में पिंजौर सरकारी स्कूल में टीचर हैं।
पति मनप्रीत के पार्थिव शरीर पर सिर रखे हुए पत्नी जगमीत ग्रेवाल। जगमीत, पंचकूला में पिंजौर सरकारी स्कूल में टीचर हैं।
कर्नल मनप्रीत की अंतिम यात्रा के पहुंचने से पहले गांव की सड़कों को साफ करते हुए लोग।
कर्नल मनप्रीत की अंतिम यात्रा के पहुंचने से पहले गांव की सड़कों को साफ करते हुए लोग।
शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की अंतिम विदाई के लिए सड़कों पर जमा लोग।
शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की अंतिम विदाई के लिए सड़कों पर जमा लोग।
शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की पार्थिव देह चंडी मंदिर कैंट से चंडीगढ़ के रास्ते मोहाली के न्यू चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई।
शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की पार्थिव देह चंडी मंदिर कैंट से चंडीगढ़ के रास्ते मोहाली के न्यू चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई।
कर्नल मनप्रीत की पार्थिव देह वाली एंबुलेंस पर फूल बरसाते लोग।
कर्नल मनप्रीत की पार्थिव देह वाली एंबुलेंस पर फूल बरसाते लोग।
शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की पार्थिव देह न्यू चंडीगढ़ स्थित घर पहुंची तो महिलाएं बिलख पड़ीं।
शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की पार्थिव देह न्यू चंडीगढ़ स्थित घर पहुंची तो महिलाएं बिलख पड़ीं।

मां को टीवी पर नहीं दिखा बेटा
शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की मां मनजीत कौर ने बताया कि वह अकसर टीवी पर जम्मू एवं कश्मीर की खबरें देखती थी। जब से उनका बेटा जम्मू कश्मीर में तैनात हुआ था तो उन्हें लगता था कि किसी दिन वह टीवी पर उन्हें दिख जाएगा, लेकिन जिस दिन बेटे की खबरें टीवी पर चली, उस दिन वह किसी वजह से टीवी नहीं देख पाई। टीवी पर अपने बेटे को देखने की ख्वाहिश उनकी अब हमेशा के लिए अधूरी रह गई है।

बेटे की शहादत का पता चलने के बाद बिलखती मां मनजीत कौर।
बेटे की शहादत का पता चलने के बाद बिलखती मां मनजीत कौर।

दोस्त बोले- मनप्रीत जो ठान लेते, उसे पूरा करके रहते
शहीद कर्नल के साथ पढ़े गांव के दीपक सिंह ने बताया कि मनप्रीत बचपन से ही काफी बहादुर थे। वह जो ठान लेते थे, उसको पूरा करके ही रहते थे। 2021 में ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे आतंकवादियों का सामना किया था और उन्हें ढेर कर दिया था। इसके बाद उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया गया था। मनप्रीत सिंह 19 राष्ट्रीय राइफल के कर्नल थे। सेना की इसी बटालियन ने 2016 में आतंकी बुरहान वानी को ठिकाने लगाया था।

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