छत्तीसगढ़ के 46 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी में काम करने वाले डेढ़ लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए भूपेश बघेल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 से बढ़ाकर 65 कर दी गई है। इसके अलावा, राज्यभर में कार्यकर्ता के 50 फीसदी रिक्त पदों पर आंगनबाड़ी सहायिकाओं की भर्ती की जाएगी। अभी तक 25 प्रतिशत रिक्त पदों पर भर्ती की जा रही थी। यही नहीं, भर्ती के लिए अब तक 10 साल का अनुभव जरूरी था। इसे घटाकर 5 साल कर दिया गया है। सीएम भूपेश बघेल ने बजट सत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मांगों को पूरा करते हुए उनके मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा की थी। अप्रैल में मानदेय भी बढ़ा कार्यकर्ता और सहायिकाओं को 1 अप्रैल से बढ़ा हुआ मानदेय दिया जा रहा है। कार्यकर्ताओं का मानदेय 6500 रुपए से 10 हजार रुपए कर दिया गया है। इसी तरह सहायिकाओं का मानदेय 3250 रुपए से 5 हजार और मिनी कार्यकर्ताओं का मानदेय 4500 से 7500 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है। कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मृत्यु पर अनुग्रह राशि में वृद्धि करते हुए वर्तमान में 50 हजार प्रदान किया जा रहा है। इसी तरह सेवानिवृत्ति पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 50 हजार तथा सहायिकाओं को 25 हजार रूपये भुगतान किया जाता है।
THE NARAD NEWS24……………………..विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का वार रुम बनकर तैयार हो गया है। अत्याधुनिक तकनीक से लैस इस डिजिटल वार रुम में जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का भी उपयोग किया जाएगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर में बने इस वार रूम की शुरुआत की। यह वार रूम 24 घंटे काम करेगा।
बताया गया है कि इस वार रूम में अलग-अलग विशेषज्ञता रखने वाले 250 से ज्यादा स्पेशलिस्ट को तैनात किया गया है। यहीं से प्रदेशभर में संगठन पर बूथ स्तर तक पैनी नजर रखी जाएगी। साथ ही जन भावनाओं को टटोलकर चुनावी रणनीति भी तैयार की जाएगी। कांग्रेस के इस वार रूम में चुनाव को 360 डिग्री पर चलाने के लिए अलग-अलग यूनिट तैयार की गई है। यहां एक कनेक्ट सेंटर भी तैयार किया गया है जो प्रदेश कांग्रेस कमेटी के बूथ स्तर के सभी कार्यकर्ताओं के साथ जुड़े रहेंगे। आने वाले समय में इसमें कुछ लोग और जोड़े जाएंगे।
30 हजार से ज्यादा वाट्सएप ग्रुप के साथ ब्राडकास्ट पर नजर
राज्य सरकार के संदेश को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के साथ ही विपक्ष की नाकामियों को हर व्यक्ति के मोबाइल तक पहुंचाने की रणनीति तैयार की जा रही है। अब तक प्रदेश में 30 हजार से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप, पांच हजार ब्रॉडकास्ट के अलावा बड़ी संख्या में आधिकारिक एवं समर्थित फेसबुक पेज, ट्विटर हैंडल, यूट्यूब चैनल्स इत्यादि संचालित हो रहे हैं। डिजिटल वार रूम की नजर इन सब पर है। वैसे भी छत्तीसगढ़ कांग्रेस 2018 से ही सोशल मीडिया पर बेहद आक्रामक रही है।