भगवत कथा शुरू अनिरुद्धाचार्य महाराज की भगवत कथा
Bhagwat Katha begins. Bhagwat Katha of Aniruddhacharya Maharaj

भगवत कथा शुरू अनिरुद्धाचार्य महाराज की भगवत कथा
The Narad News 24,,,,,,रायपुर। शहर के अयोध्यापुरी ग्राउंड में शुक्रवार से अनिरुद्धाचार्य महाराज की भगवत कथा शुरू हुई। इस दौरान जैसे ही सुरमयी धुन तेरे चरण कमल से श्याम लिपट जाऊं रज-रज में… बजी तो हजारों श्रद्धालु झूम उठे। गौरी और गोपाल की महाआरती के साथ श्रीमद् भागवत कथा का प्रारंभ करते हुए अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहा कि यह कथा क्षोमदायी है।
भागवत कथा में 18 हजार श्लोक, 335 अध्याय और 12 स्कन्ध हैं, जिनका श्रवण करने से हृदय, मन पवित्र एवं निर्मल होता है। भगवान को प्राप्त करने का ये तीनों साधन बहुत जरूरी है। महाराज ने सवाल उठाते हुए कहा- जब प्रत्येक व्यक्ति में भगवान विराजमान होते हैं, फिर भी कुछ लोग पाप कर्म क्यों करते हैं? विस्तार से समझाया कि भक्त प्रहलाद, गोस्वामी तुलसीदास आदि परमभक्तों का उदाहरण सामने है, जो भक्त भगवान से जुड़ जाते हैं, फिर उन्हें दुनिया याद करती है।
नागपुर से आई ढोल-ताशा पार्टी ने दी प्रस्तुति
कथा स्थल में अनिरुद्धाचार्य महाराज के पहुंचने पर गणेशवंदना के बाद दीप प्रज्जवलन आयोजक बाजारी परिवार से कान्हा बाजारी, सुनीता बाजारी व परिवार सदस्यों के साथ विधायक राजेश मूणत सपत्नीक, विधायक पुरंदर मिश्रा, पार्षद विनोद अग्रवाल, योगेश अग्रवाल आदि शामिल हुए। मंच से विधायकद्वय का स्मृति चिन्ह एवं श्रीकृष्ण नाम (गमछा) पहनाकर अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर नागपुर से पहुंची ढोल ताशा पार्टी के महिला व पुरुष सदस्यों ने शानदार प्रस्तुति दी। यहां कृष्णा बाजारी परिवार की ओर से स्व. सत्यनारायण बाजारी (मन्नू भाई) की स्मृति में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा 25 जनवरी तक चलेगी।
राम आ रहे हैं, हृदय में बसा लो
अनिरुद्धाचार्य महाराज ने भागवत कथा के प्रारंभ में कहा कि भगवान अंक है और हम शून्य मात्र। जब भगवान से जुड़ने जाते हैं तब हम दस गुना हो जाते हैं, परंतु भगवान डायरेक्ट किसी से मिलते नहीं हैं, वह जब-जब मिले भक्तों के माध्यम से ही मिले। 22 जनवरी को राम आ रहे हैं और उन्हें हृदय में बसाकर सदा के लिए राम के लिए होना है।