तथाकथित 69 वर्षी पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह साल 1994 में गोपालगंज में डीएमजी कन्हैया की हत्या के मामले में दोषी पाया गया था उसी दौरान भीड़ ने अधिकारियों पर हमला कर दिया दलित प्रशासनिक अधिकारी कन्हैया जी की हत्या के जुर्म में जेल में सजा काट रहे राजनेता आनंद मोहन की रिहाई की तैयारी है बिहार सरकार के जेल नियमों में बदलाव के फैसले के बाद 27 वर्ष से दोषी रिहा होने जा रहे हैं नियम बदलने के चलते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुवाद वाली बिहार सरकार भी निशाने पर आ गई है हल्की सी एम कुमार या उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की तरफ से इसे लेकर कुछ कहा नहीं गया कौन है आनंद मोहन 69 वर्षीय पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह सार्व 994 में गोपालगंज डीएमजी करिया की हत्या के मामले में दोषी पाए गए थे कहा गया कि राजनेताओं के भड़काने के चलते हैं घटना हुई भीड़ बाहुबली छोटन शुक्ला की हत्या जनता दल यूनाइटेड के कई राजपूत नेता महागठबंधन सरकार पर श्री की समय से पहले रिहाई का दबाव बना रहे थे साल 2007 में आनंद मोहन को बिहार की निचली अदालत ने सजा-ए-मौत सुनाई थी लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे उम्रकैद में बदल दिया फिलहाल वह सहरसा जेल में है
परिवार बिहार के बड़े नेता मैं सोमवार रहा हो संता संग्राम सेनानी बहादुर सिंह तोमर के होते हैं उनके बेटे चेतन आनंद राष्ट्रीय जनता दल से विधायक हैं हर हाल में परिवार के बेटे चेतन की 3 मई को होने वाली शादी की तैयारियां चल रही है उनकी पत्नी लवली साल 2015 में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेकुलर की उम्मीदवार बनी लेकिन चुनाव हार गई 1994 में लवली में वैशाली लोकसभा उपचुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी
सियासी कहानी उत्तरी बिहार के कोसी क्षेत्र के बाहुबली नेता के रहने वाले से 1990 से राजनीति में सक्रिय हैं और दौरान वह सहरसा में पहली बार विधायक बने थे जेल में बंद होने के बाद 1996 में उन्होंने समता पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ा और वहीं से जीत भी दर्ज कर ली वह जेल में कैद में आजाद और स्वाधीन अभिव्यक्ति भी लिख चुके हैं कि बिहार पीपुल्स पार्टी के संस्थापक भी हैं हालांकि अब यह पार्टी अस्तित्व में नहीं है