चीन और इराक की दोस्ती क्यों माने रखी है भारत के लिए


राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पहली बार चीन दौरे पर पहुंचे हैं इन दिनों देशों के बीच में दोस्ती ना केवल भारत बल्कि दुनिया के लिए मायने रखती है चीन और इराक दोनों ही अमेरिका के खिलाफ हैं इराक के राष्ट्रपति अब्राहिम इन दोनों चीन के दौरे पर पहुंचे पश्चिमी देशों और अमेरिका के दबाव के बीच चीन कोयला के बीच इस समय करीबी ना केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए बहुत मायने रखती है पहली बार चीन यात्रा पर पहुंचे हैं साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की मानें तो देश के बीच नेचुरल समझौते को लेकर एवं बातचीत होती है अमेरिका के परमाणु कार्यक्रमों के लिए पर प्रतिबंध लगाया गया है चीन के जरिए रास्ता तलाश करने की कोशिश में है दोनों देशों के बीच में 25 साल की रणनीतिक साझेदारी को लेकर डील हुई है वहीं मंगलवार को ही दोनों ही देशों के द्विपक्षीय समझौते किए इसी के साथ उनके नए सेंट्रल बैंक गवर्नर भी पहुंचे इनके अलावा कैबिनेट के 6 सदस्य मौजूद थे कच्चे तेल विदेश नीति व्यापार शहरी विकास को लेकर दोनों में समझौते हुए हैं
भारत के लिए क्या मायने रखता है दौरा
रूस और यूक्रेन के बीच सुविधा शुरू होने के बाद भारत में प्रति रुख अपनाया है वहीं चीन उसका समर्थन करता है और उस स्क्रीन पर हमले के लिए जिन लोगों का इस्तेमाल कर रहा था वह इराक के लिए के लिए गए थे ऐसे में रूसी यू कैन पुट के दौरान इराक चीन से ज्यादा करीब आया था अमेरिका के अलग-थलग किए जाने की कोशिश में इराक अपना नया पार्टनर चला रहा था वही भारत और इराक के बीच भी पुरानी दोस्ती है भारत ईरान से कच्चा तेल आयात कर रहा है गौर करने वाली बात यह है कि अगर ईरान और चीन की संगठन को सक्रिय देते हैं तो ऐसा पाकिस्तान भी शामिल हो सकता है जो कि भारत के लिए बुरी ख़बर हो सकती है इस चुनौती को साधने के लिए भारत को चीन का साधक होगा जो कि यह बहुत मुश्किल काम है खाड़ी देशों से करीबी बढ़ा रहा है चीन दोनों ही देशों के खिलाफ नहीं है