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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि* 90 दिनों से गायब थाना सीतापुर के बेलजोरा निवासी दीपेश उर्फ संदीप लकड़ा का शव

State Congress President Deepak Baij, while addressing the press conference at Rajiv Bhawan, said that * Body of Deepesh alias Sandeep Lakra, resident of Beljora, Sitapur police station, missing for 90 days.

 

 

The Narad News 24,,,,,, रायपुर  8 सितम्बर 2024 को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि* 90 दिनों से गायब थाना सीतापुर के बेलजोरा निवासी दीपेश उर्फ संदीप लकड़ा का शव ग्राम लूरेना बड़वापाट में जल जीवन मिशन का ठेकेदार अभिषेक पांडेय के साइड में बनाये गये पानी टंकी के नीचे दबा मिलता है। ठेकेदार अभिषेक पांडेय एवं उनके आदमी दीपेश लकड़ा उर्फ संदीप के घर जाकर उनके पिताजी को धमकाते है और डराते है, चुनौती देते हुये कहते है कि अपने बेटे को अब ढूंढ लेना। 7 जून 2024 की शाम को अभिषेक पांडेय ठेकेदार एवं उनके मुंशी प्रत्युष पांडेय एवं अन्य लोग ग्राम उलकिया से राजमिस्त्री दीपेश उर्फ संदीप लकड़ा के साथ मारपीट कर अपहरण कर लेते है। दीपेश लकड़ा के पत्नी अपने पति के गुमशुदगी शिकायत दर्ज कराते है, पुलिस के द्वारा मामला को गंभीरता से नहीं लिया जाता है।

समाज के अन्य लोग पीड़ित के साथ प्रदर्शन करते है तब एफआईआर दर्ज किया जाता है। पुलिस के साथ मिलीभगत करके ठेकेदार ने दीपेश के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज किया जाता है। इस तरह से पूरे मामले में पुलिस प्रशासन अपराधियों को बचाने के लिये 90 दिनों तक परिजनों को गुमराह करती रही।

बहुत ही गंभीर मामला है फिर से प्रदेश में आदिवासी भाई की जघन्य हत्या हुई है। राजमिस्त्री जो ठेकेदार के अंदर में काम करने वाला है, को चोरी के इल्जाम में फंसाकर घर वालों को धमकी दिया जाता है, पुलिस प्रशासन कुछ नहीं करती है। अपहरण किया जाता है तब भी पुलिस प्रशासन कुछ नहीं करती है। गांव वाले प्रदर्शन करते है उसके बाद चोरी के मामले में एफआईआर दर्ज होता है। उनका अपहरण कर मार दिया जाता है। मारने के बाद जघन्य अपराध को छुपाने के लिये ठेकेदार द्वारा टंकी का निर्माण किया जा रहा था उस टंकी के लगभग 15 से 20 फीट नीचे उसको गाड़ दिया जाता है और उसके ऊपर टंकी का निर्माण कर दिया जाता है। 3 महिना के बाद भी पुलिस प्रशासन कार्यवाही नहीं करती है। हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद एफआईआर होता है उसके बाद पुलिस प्रशासन संज्ञान में लेती है और फिर कार्यवाही करती है। ठेकेदार के द्वारा लगातार गुमराह किया गया। पुलिस प्रशासन के सहयोग से मृत्य व्यक्ति के मोबाइल को अन्य शहरों में ले जाकर ट्रेस कराना और इस शहर में उनका लोकेशन बताना प्रशासन की भूमिका पर सवाल है। यह भी जानकारी है कि ठेकेदार के अकाउंट से इस तीन महिने के दौरान आनलाईन करोड़ों रू. का लेनदेन हुआ है। मतलब साफ है इस मामले को दबाने के लिये, इस मामले को गुमराह करने के लिये, इस मामले को लीपा-पोती करने के लिये करोड़ो रू. का लेनदेन हुआ है। इसकी निष्पक्षता से जांच करनी चाहिये। आदिवासी समाज लगातार आक्रोशित है। लगातार आंदोलन कर रहे है न्याय की मांग को लेकर। आदिवासी समाज ने मांग किया है मृत परिवार को 2 करोड़ रू. मुआवजा मिलना चाहिये। साथ ही इस मामले को सरकार को गंभीरता से जांच करनी चाहिये। जो दोषी है उनको कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिये। लेकिन सरकार जिस गति से एफआईआर दर्ज करने में लेतलतीफी कर रही है अपराधियों को बचाने का काम कर रही है ये प्रदेश के आम नागरिक के लिए सबसे बड़ा चुनौती भरा हुआ है।

इसी तरह भिलाई में शनिवार की रात को तीन भाइयों की हत्या कर दी जाती है। पूरे घर को अपराधियो ने सूना कर दिया है। आधे परिवार को खत्म कर दिया है। इस तरह से भाजपा की सरकार आने के बाद से लगातार अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। गृहमंत्री, मुख्यमंत्री मुंह में दही जमा के बैठे है। अपराध में कोई नियंत्रण नहीं है। इस प्रदेश में बलात्कार, गैंगरेप की घटनायें घट रही है। राजधानी रायपुर जैसा जगह महिलाओं के लिये सुरक्षित नहीं है। प्रदेश में सरकार नाम की चीज नहीं है। ये सरकार भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की सुरक्षा करने के लिये बनी है, अपराधियों को संरक्षण देने के लिये बनी है। एक आम नागरिको को एफआईआर दर्ज कराने के लिये दर-दर भटकना पड़ रहा है। विपक्षी दल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज करने के लिये ये सरकार बनी है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को लाठी मारने के लिये ये सरकार बनी है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमा दर्ज करने के लिये ये सरकार बनी है। एक तरफ इस सरकार के नुमाइंदे, कार्यकर्ता इस सरकार को खुलेआम चुनौती देते है हिम्मत है तो कार्यवाही करके दिखाओ, साहस है तो गिरफ्तारी करके दिखाओ। पुलिस प्रशासन मुकदर्शक बनकर, मुकबधिर बनकर बैठी हुई है। कितनी बेबस, लाचार बन कर बैठी है ये सरकार। क्या पुलिस प्रशासन को अपराध दर्ज करने के लिये मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से अनुमति लेना पड़ता है इस सरकार में? धारा लगाने के लिये भी क्या मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से अनुमति लेना पड़ता है? इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता। कांग्रेस लगातार इस मसले को उठा रही है कि अपराध प्रदेश में चरम पर है। महिला सुरक्षा खतरे में है। इसलिये ये सरकार कानून राज नहीं जंगल राज चला रही है। अगर थोड़ी बहुत मर्यादा बचा है तो गृहमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिये या सरकार को गृहमंत्री से इस्तीफा ले लेना चाहिये।

महिला सुरक्षा को लेकर 10 सितंबर को महिला कांग्रेस मुख्यमंत्री निवास घेरने जा रही है। उसके लिये वृहद रूप से तैयारियां की जा रही है।

 

जिस तरह से सरकार की नाकामियों को लेकर लगातार सरकार के सांसद, दो बार के सांसद सरकार को पत्र लिखे हैं कि हमने जुमला पत्र में बिन्दुवार उल्लेख किया है लेकिन पूरा नहीं हुआ है। सरकार को चेतावनी भी दी है कि ये मांग को तत्काल पूरा करें।

सरकार के वर्तमान विधायक बढ़ते अपराध को लेकर सरकार को चिट्ठी लिखते है कि अपराध बढ़ रहे है, अपराधियो का मनोबल बढ़ा हुआ है इसलिये मेरे क्षेत्र में सीसीटीवी लगाया जाये। अपराध चरम पर है। इस सरकार को पत्र लिखने को मजबूर है।

सरकार में मंत्री रहे वर्तमान सांसद है बृजमोहन अग्रवाल जी भरे मीटिंग में कहा, पूर्व मंत्री राजेश मूणत जी ने भी भरी मीटिंग में सरकार से अपराध को लेकर सवाल किया।

दो दिन पहले वर्तमान सांसद बृजमोहन अग्रवाल जी मा. मुख्यमंत्री को पत्र लिखते है सरकार को प्रदेश में सीमेंट का रेट 50 रू. बढ़ाया गया है उसे वापस लेना चाहिये।

सिर्फ कांग्रेस नहीं सरकार पक्ष के सांसद और विधायक ने भी सरकार से कानून व्यवस्था को लेकर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहे है।

एक तरफ तो सरकार दावा करती है कि इतने लाख लोगों हमने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृति किये। दूसरी तरफ आम जनता गरीब जनता को लूटने का काम कर रही है।

मैं पूछना चाहता हूं इस सरकार से क्या हमारे पास सीमेंट बनाने के लिये रॉ मटेरियल दूसरे प्रदेशों से लाना पड़ता है कि आप मनमाने तरीके से रेट बढ़ा रहे है। जबकि हमारे प्रदेश में रॉ मटेरियल की कमी नहीं है सीमेंट बनाने के लिये। बिजली हम यही पैदा करते है। कच्चा माल हमारे पास उपलब्ध है उसके बाद भी 50 रू. सरकार ने किस लिए बढ़ाया? इसका जवाब सरकार से आना चाहिये।

आम जनता को, गरीब लोगों को प्रधानमंत्री आवास बनाना पहुंच से दूर हो गया है इसलिये ये सरकार सीमेंट का रेट बढ़ाकर छत्तीसगढ़ की जनता को लूटने का काम कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस ने तय किया है कि लगातार मूल्य वृद्धि, सीमेंट के दाम में, गिट्टी, रेती एवं सरिया की लगातार बढ़ती दामों को लेकर कांग्रेस प्रदेश स्तर में फिर से बड़ा प्रदर्शन करने जा रही है।

 

*11 सितंबर को पूरे प्रदेश में प्रेसवार्ता के माध्यम से सरकार के नाकामियों को जनता तक पहुंचायेंगे। 12 तारीख को फिर इसी मुद्दे को लेकर जिला मुख्यालयों में भाजपा सरकार के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जायेगा। लगातार सीमेंट के दाम बढ़ रहे है उसको वापस लेने की मांग किया जायेगा।*

सरगुजा जिले के अंबिकापुर में एल्युमिनियम प्लांट में हाफर गिरने से 10 मजदूर दब गये है ऐसी सूचना आयी है। 2 की मौत, बाकी लोगो की हालत गंभीर है। प्रदेश का बड़ा मामला है मृत परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते है। सरकार को संज्ञान में लेना चाहिये और जांच करना चाहिये और दोषियों पर निश्चित रूप से कार्यवाही करनी चाहिये।

 

 

The Narad News 24

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