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पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार  भूपेश बघेल बताएं अंग्रेजी के बजाए छत्तीसगढ़ी आत्मानंद स्कूलें क्यों नहीं खोलीं:,शिक्षामंत्री बृजमोहन

शिक्षकों की भर्ती में छत्तीसगढ़ी में पीजी करने वालों को भी अवसर,,शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल

THE NARAD NEWS 24 ,,,,,रायपुर  16-02-2024 । स्कूली शिक्षा में छत्तीसगढ़ी भाषा को शामिल करने के सवाल पर शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर बड़ा हमला बोला। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि सदन में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को यह बताना चाहिए कि छत्तीसगढिय़ों की राजनीति करते हुए उन्होंने अंग्रेजी में स्वामी आत्मानंद स्कूल क्यों शुरू किया। छत्तीसगढ़ी के हिमायती थे तो उन्होंने छत्तीसगढ़ी में आत्मानंद स्कूल क्यों नहीं खोली। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि नए शिक्षकों की भर्ती में छत्तीसगढ़ी में पोस्ट ग्रेजुएट करने वाले नौजवानों को मौका दिया जाएगा।
विधायक कुंवर सिंह निषाद ने प्रश्नकाल में सवाल किया कि प्रदेश में छत्तीसगढ़ी को स्कूली शिक्षा में शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है। प्रदेश में 65 फीसदी से अधिक क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ी का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में आने वाली पीढ़ी को अपनी बोली-भाषा की जानकारी होना चाहिए। ऐसे में कम से कम प्रायमरी स्तर पर छत्तीसगढ़ी की पढ़ाई को अनिवार्य किया जाना चाहिए।
मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह सवाल भावनात्मक रूप से तो बहुत अच्छा है और सरकार भी ऐसा ही चाहती है इसलिए न केवल छत्तीसगढ़ी बल्कि सरगुजिहा, हलबी, गोंडी तथा अन्य स्थानीय बोलियों को प्रायमरी स्कूलों में बढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है लेकिन अगर हम राज्य के बच्चों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार करना चाहते हैं तो हमें देश-विदेश की शिक्षा प्रणाली को स्वीकार करना होता है। उन्होंने कुंवर सिंह निषाद से कहा कि वे छत्तीसगढ़ी की इतनी चिंता कर रहे हैं तो सदन में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताना चाहिए कि उन्होंने आत्मानंद स्कूल अंग्रेजी में क्यों शुरू की, छत्तीसगढ़ी में क्यों नहीं की। कुंवर सिंह निषाद के साथ भूपेश बघेल ने मांग की कि जिन 33 हजार शिक्षकों की भर्ती की जा रही है, उनमें उन नौजवानों को भी अवसर दिया जाना चाहिए, जिन्होंने छत्तीसगढ़ी में स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की है। जवाब में मंत्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि इन भर्तियों में हिंदी के साथ छत्तीसगढ़ी में भी स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल कर चुके नौजवानों को पूरा अवसर दिया जाएगा।

 

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